राज्यसभा: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले को लेकर जमकर हंगामा, कल तक के लिए स्थगित
नयी दिल्ली : अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा को लेकर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के कारण राज्यसभा कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि जो बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली में बोल रहे हैं वही संसद में आकर उनको बोलना चाहिए. यदि इस मामले में […]
नयी दिल्ली : अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा को लेकर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के कारण राज्यसभा कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि जो बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली में बोल रहे हैं वही संसद में आकर उनको बोलना चाहिए. यदि इस मामले में मोदी सरकार के पास कुछ भी सबूत नहीं है तो उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संसद में बयान देने से पहले पीएम मोदी सदन के बाहर बोल रहे हैं जो निंदनीय है.आज राज्यसभा में अगस्ता सौदा मामले मेंप्रधानमंत्री के बयान को लेकर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया और वेल में पहुंच गए जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो भी हंगामा बरकरार रहा. अंतत: राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
Disruption in Rajya Sabha, House adjourned till tomorrow 11 AM. pic.twitter.com/g6UfnbMIkC
— ANI (@ANI) May 9, 2016
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमिलनाडु की एक चुनावी रैली में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर इतालवी अदालत द्वारा सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी कथित बयान दिए जाने को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने आज राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिस वजह से बैठक चार बार के स्थगन के बाद दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल पाया. कांग्रेस सदस्यों का कहना था कि जब राज्यसभा और लोकसभा में पिछले सप्ताह वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर हुई चर्चा के जवाब में रक्षा मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा था तब उन्होंने यह नहीं कहा था कि इतालवी अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष का नाम लिया है.
फिर प्रधानमंत्री इस तरह के आरोप कैसे लगा सकते हैं. कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री को सदन में बुला कर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सवाल किया कि नरेंद्र मोदी ने तलिमनाडु की चुनावी रैली में आखिर कौन सी अदालत का हवाला दिया. आसन के समक्ष आ कर कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगाए। हंगामे के कारण उप सभापति पी जे कुरियन ने शून्यकाल में बैठक को पहले दस मिनट के लिए और फिर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने दोनों सदनों में विवादित अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर हुई चर्चा पर अपने जवाब में सोनिया गांधी का कोई संदर्भ नहीं दिया तो फिर प्रधानमंत्री सदन के बाहर इस तरह का बयान कैसे दे सकते हैं, वह भी तब जब संसद का सत्र चल रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वह कांग्रेस नेतृत्व की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के नेता और सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मुद्दे पर चर्चा के दौरान लोकसभा या राज्यसभा में किसी भी सदस्य ने यह नहीं कहा कि संप्रग नेतृत्व ने कोई रकम ली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरु से ही मांग कर रही है कि इस मामले में जो भी नेता या अधिकारी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जाए. आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल और तमिलनाडु में चुनावी रैलियों में कहा है कि यह उनका बयान नहीं है बल्कि खुद इतालवी अदालत ने कहा है कि इस मामले में सोनिया दोषी हैं. विपक्ष के नेता ने सवाल किया कि इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हुई लेकिन प्रधानमंत्री ने किसी भी सदन में चर्चा में हस्तक्षेप क्यों नहीं किया और वह बात क्यों नहीं कही जो उन्होंने चुनावी रैली में कही. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने चर्चा पर दिए अपने जवाब में संप्रग प्रमुख का नाम नहीं लिया था.
आजाद ने कहा कि विवादित अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मामले की जांच सीबीआई कर रही है जो सीधे प्रधानमंत्री के नियंत्रण में आती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या इस तरह के बयानों से जांच एजेंसी प्रभावित नहीं होगी. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और बताना चाहिए कि उन्होंने बाहर ऐसा बयान क्यों दिया, वह भी तब, जब संसद का सत्र चल रहा है. शर्मा ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत कामकाज निलंबित करने के अपने नोटिस का उल्लेख किया लेकिन कुरियन ने उनका नोटिस नकार दिया. इस पर असंतोष जाहिर करते हुए कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ कर प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगाने लगे. कुरियन ने कहा कि प्रधानमंत्री के बारे में सदस्य कह रहे हैं कि उन्होंने संसद के बाहर कुछ कहा है तो कांग्रेस पार्टी भी इसका बाहर ही जवाब दे सकती है. उन्होंने कहा ‘‘आसन इसका संज्ञान नहीं ले सकता। मैं कुछ नहीं कर सकता। क्या राजनीतिक भाषणों के लिए आसन जिम्मेदार है ?’ उप सभापति ने आसन के समक्ष आ कर हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने को कहा। आनंद शर्मा ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री सीबीआई जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि जांच एजेंसी उनके अंतर्गत आती है.
उन्होंने कहा कि मोदी ने सदन में रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए बयान से विरोधाभासी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान ने सदन की गरिमा और मानकों का उल्लंघन किया है. इस पर कुरियन ने कहा कि आसन प्रधानमंत्री को सदन में आने और इस मुद्दे पर बयान देने के लिए नहीं कह सकता. संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस विवादित सौदे की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और किसी बेकसूर को हाथ नहीं लगाया जाएगा. प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी पर आपत्ति जताते हुए नकवी ने आसन से उन्हें रोकने को कहा। नकवी ने कहा कि भाजपा सदस्य भी नारे लगा सकते हैं. उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री ने जो कुछ भी कहा, वह पूरी दुनिया जानती है. उन्होंने वही कहा जो इतालवी अदालत ने कहा है.’ नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर किसी नीति की घोषणा नहीं की है इसलिए नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. ‘‘यह चुनावी रैली में दिया गया सिर्फ एक भाषण था.’ कुरियन ने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बज कर 30 मिनट पर बैठक दस मिनट के लिए स्थगित कर दी.
बैठक पुन: शुरू होने पर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब संसद का सत्र चल रहा है, तो ऐसे में मोदी ने जो कुछ भी कहा है वह सरकार का ही बयान है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान, संसद में रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए बयान से उलट है. तिवारी ने कहा ‘‘या तो प्रधानमंत्री गलत बोल रहे हैं या रक्षा मंत्री गलत बोल रहे हैं.’ इस पर कुरियन ने कहा कि संसद के बाहर जो कुछ कहा गया या अखबारों में जो खबर दी गई उसका आसन संज्ञान नहीं लेता. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री के बयान को रक्षा मंत्री के बयान से विरोधाभासी बताते हुए कहा ‘‘प्रधानमंत्री को :सदन में: आना चाहिए या अपना बयान वापस ले लेना चाहिए।’ शर्मा ने यह भी कहा कि मोदी का बयान गुमराह करने वाला और तथ्यात्मक रुप से गलत है. कुरियन ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने किसी नियम का उल्लंघन किया है तो शर्मा नोटिस दें और वह :कुरियन: इसकी जांच करेंगे. सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि रक्षा मंत्री ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मुद्दे पर सदन में बयान दिया और फिर संसद के बाहर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया.
उन्होंने सवाल किया ‘‘क्या रक्षा मंत्री ने :अतिरिक्त: बयान दिया जो उन्हें संसद में देना चाहिए था। ‘ इस दौरान कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी था। कांग्रेस सदस्य इस बार आसन के समक्ष नहीं, बल्कि अपने स्थानों से आगे आ कर नारे लगा रहे थे। कुरियन ने सदस्यों से शून्यकाल के तहत मुद्दे उठाने को कहा। उन्होंने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय का नाम लिया. राय ने आसन के समक्ष नारे लगा रहे कांग्रेस सदस्यों पर नियम 255 के तहत कार्रवाई करने की मांग की जिस पर कुरियन सहमत नहीं हुए.तृणमूल सदस्य राय ने कहा कि वर्ष 2010 में जब महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा हो रही थी तब हंगामा करने वाले कुछ सदस्यों पर नियम 255 के तहत कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कुरियन से नारे लगा रहे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. गौरतलब है कि राय को पिछले सप्ताह इसी नियम के तहत पूरे दिन के लिए सदन से बाहर जाने का आदेश दिया गया था.
इस बीच, कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ गए और प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगाने लगे. हंगामे के कारण कुरियन ने बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. दोपहर 12 बजे बैठक शुरु होने पर भी कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति हामिद अंसारी ने उनसे प्रश्नकाल चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि शून्यकाल में 10 से 12 सदस्य भाग लेते हैं जबकि प्रश्नकाल में 30 से 35 सदस्य शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन करीब 45 सदस्य इससे लाभान्वित होते हैं.
उन्होंने हंगामे का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या यह उचित है? अंसारी ने आनंद शर्मा से कहा कि उन्होंने सुबह ही अपनी बात कह दी और वह बात अब खत्म हो गयी है. लेकिन कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। सदन में व्यवस्था न बनते देख सभापति ने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद बैठक फिर शुरु होने पर भी सदन में वही नजारा था और कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे.
सभापति ने कहा कि यह सदन की प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं है. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन में नारेबाजी नहीं करने की अपील की हंगामे के दौरान ही वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक सवाल पर पूरक सवालांे का जवाब दिया. लेकिन शोरगुल में उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी सदन में हंगामा थमते नहीं देख सभापति ने 12 बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.