उमर खालिद को एम्स ले जाया गया, भूख हडताल समाप्त की

नयी दिल्ली : देशद्रोह के एक मामले में जमानत पर रिहा जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र और पिछले 11 दिनों से भूख हडताल कर रहे उमर खालिद को शर्करा, सोडियम और पोटेशियम के स्तर में काफी गिरावट आ जाने के बाद आज तडके तडके एम्स ले जाया गया. कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी नारेबाजी वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2016 5:29 PM

नयी दिल्ली : देशद्रोह के एक मामले में जमानत पर रिहा जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र और पिछले 11 दिनों से भूख हडताल कर रहे उमर खालिद को शर्करा, सोडियम और पोटेशियम के स्तर में काफी गिरावट आ जाने के बाद आज तडके तडके एम्स ले जाया गया. कथित तौर पर राष्ट्र-विरोधी नारेबाजी वाले नौ फरवरी के विवादित कार्यक्रम में खालिद के शामिल रहने पर उन्हें विश्वविद्यालय ने एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर दिया था.

उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण अपनी भूख हडताल वापस ले ली. जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में कहा है, ‘‘तेजी से गिरते स्वास्थ्य के कारण उमर खालिद को अपनी भूख हडताल समाप्त करने पर विवश होना पडा. उनके खून में सोडियम-पोटेशियम स्तर में कमी के कारण कल मध्यरात्रि के बाद एम्स ले जाया गया.”
कार्यक्रम के सिलसिले में विश्वविद्यालय द्वारा सजा सुनाये जाने के विरोध में छात्रों ने अपनी भूख हडताल शुरु की थी जिसमें जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित सात छात्रों ने भूख हडताल वापस ले ली है जबकि 13 अन्य अभी भी अपनी भूख हडताल जारी रखे हुये हैं जो आज 12 वें दिन में प्रवेश कर गयी. जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए), विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और परिसर में रहने वाली माताएं भूख हडताल कर रहे छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग एक दिन की भूख हडताल कर रहे हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से बाहरी लोगों को परिसरों में नहीं बुलाने की अपील की है और अपनी मांगों को ‘संवैधानिक’ तरीके से रखने का आग्रह किया है. कार्यक्रम को लेकर देशद्रोह के एक मामले में कन्हैया, उमर और अनिर्बान भट्टाचार्य को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और वे अभी जमानत पर रिहा हैं. कन्हैया पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि उमर, अनिर्बान और एक कश्मीरी छात्र मुजीब गट्टू को अलग-अलग समयावधि के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
14 छात्रों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है. दो छात्रों को छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है और विश्वविद्यालय ने दो पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. यातायात रोकने के लिए जेएनयू छात्र संघ में एबीवीपी के एकमात्र सदस्य सौरभ पर भी 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सौरभ सहित एबीवीपी के पांच सदस्य भी भूख हडताल कर रहे थे जिन्होंने जेएनयू प्रशासन से अपनी मांगों पर विचार करने के बारे में आश्वासन मिलने का दावा करते हुये पिछले सप्ताह अपना अनशन वापस ले लिया.

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