पर्यावरण मंजूरी में विलंब के लिए ‘डर’ जिम्मेदार : मोइली

नयी दिल्ली: पर्यावरण एवं वन मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने आज परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी में विलंब के लिए अधिकारियों व अपने पूर्ववर्ती पर्यावरण मंत्रियों के ‘मन के डर’ को जिम्मेदार ठहराया. गौरतलब है कि देश की मौजूदा आर्थिक नरमी के लिए इन मंजूरियों में विलंब को भी दोष दिया जा रहा है. तीन सप्ताह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2014 7:13 PM

नयी दिल्ली: पर्यावरण एवं वन मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने आज परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी में विलंब के लिए अधिकारियों व अपने पूर्ववर्ती पर्यावरण मंत्रियों के ‘मन के डर’ को जिम्मेदार ठहराया. गौरतलब है कि देश की मौजूदा आर्थिक नरमी के लिए इन मंजूरियों में विलंब को भी दोष दिया जा रहा है.

तीन सप्ताह पहले पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले पेट्रोलियम मंत्री मोइली ने कहा कि मंजूरियां इसलिए भी प्रभावित होती हैं क्योंकि नियम जटिल हैं और सक्षम अधिकारियों के पास व्यक्तिगत विवेक का प्रयोग करने धिकार हैं.

मोइली ने साथ एक भेंटवार्ता में कहा, ‘‘ आप किसी को भी जिम्मेदार ठहरा सकते हैं. खास कर 2009 के बाद ऐसा माहौल बन चुका है जहां भय की भावना है. यह कैग की रपट, अदालतों के आदेश, मुकदमों के चलते पैदा हुआ है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सीबीआई जांच जैसे मुद्दे हैं , पर यह केवल इसी (पर्यावरण) मामले में ही नहीं, बल्कि सभी मामलों में है.’’

मोइली ने कहा कि मंत्री व अधिकारी सोचते हैं कि ‘‘हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरुरत है. अतिरिक्त सावधानी बरतने से कभी कभी प्रक्रिया में देरी होती है. इसलिए हम किसी एक को जिम्मेदार नहीं मान सकते. न ही मंत्री को और न अधिकारी को.’’ वह जयंती नटराजन के कार्यकाल में परियोजनाओं को मंजूरी में विलंब के कारणों के बारे में जवाब दे रहे थे. उद्योग जगत इस बात की शिकायत करता रहा है कि पर्यावरण मंजूरियों में विलंब के चलते उनकी परियोजनाएं बाधित हो रही हैं और इससे आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है. माना जाता है कि इसी वजह से नटराजन को मंत्रिपद गंवाना पड़ा.

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