नयीदिल्ली : अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर सौदे में कथित बिचौलिया क्रिस्टियन मिशेल ने कहा कि वह वीवीआइपी हेलीकाप्टरों की खरीद के सिलसिलेमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कभी नहीं मिले.मिशेल से जब पूछा गया कि क्या वह कभी सोनिया, सिंह या रक्षा मंत्री एके एंटनी से सौदे के लिए मिले थे, उन्होंने तुरंत जवाब दिया, ‘‘नहीं, कभी नहीं.’ उन्होंने अबू धाबीमें ‘टीवी टुडे’ समाचार चैनल को दिये साक्षात्कारमें कहा, ‘‘मैं इनमें से किसी से भी कभी नहीं मिला.’
मिशेल ने इस घोटाले से अपना नाम हटाने का प्रयास करते हुए दावा किया कि उन्हाेंने ‘‘एक बार’ दिल्लीमें वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी से हाथ मिलाया था लेकिन इतालवी कारोबारी गुइदो हाश्के और एक अन्य बिचौलिये से उनके संबंध के कारण ‘‘उनसे दूरी बना ली.’ उन्हाेंने कहा, ‘‘मैं संभवत: जिमखाना क्लब में उनसे (एसपी त्यागी) मिला था और मुझे लगता है कि मैंने वहां उनसे हाथ मिलाया था. लेकिन हाश्के के साथ उनके संबंधों के कारण वास्तवमें मैं उनसे दूर रहा.’ मिशेल ने कहा कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सौदे के बारेमें झूठ नहीं बोला लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें गुमराह किया गया.
उन्हाेंने कहा, ‘‘उन्होंने कैग रिपोर्ट में जो दिया गया है उसे (दस्तावेजों) प्रमाणित किया है. कैग रिपोर्ट बहुत जल्दबाजी में तैयार कीगयी क्योंकि सौदा हमेशा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया.’ उन्हाेंने कहा, ‘वे (कैग) उड्डयन विशेषज्ञ नहीं हैं और वे नौकरशाह हैं जिनसे उनकी विशेषज्ञता से बाहर जाकर दस्तावेज एकत्रित करने के लिए कहा गया. इसलिए वह उनके अपने दस्तावेजों से गुमराह हुए.’
मिशेल ने कहा कि वह अपने चालक नारायण बहादुर को दुबई लाना चाहेंगे जो जांच एजेंसियों के अनुसार हाल के समय तक उनके संपर्क में था.
उन्हाेंने कहा, ‘‘वह (बहादुर) मेरा चालक है. मैं उसे जानता हूं. वह मेरा प्रिय मित्र है. मुझे आशा है और मेरा पूरा इरादा उसे जीवनभर साथ रखने का है. वह कई वर्षों से मेरे साथ रहा है. मैं उसे दुबई लाउंगा और उसकी देखभाल करुंगा.’ प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने कथित रूप से पाया है कि बहादुर को मिशेल की तरफ से विदेशी वायर सेवा के जरिये भुगतान हो रहा है.
यह पूछे जाने पर कि क्या बहादुर को भेजा गया धन किसी और के लिए है, उन्होंने कहा कि यह ‘‘उनके लिए’ था.
इससे पहले, मिशेल के वकील रोसमैरी पैट्रिजी डोस अंजोस ने कहा था कि अगर उन्हें आश्वासन मिले कि वह गिरफ्तार नहीं होंगे तो वह भारत आकर जांचकर्ताओं का सामना करने को तैयार हैं.
मिशेल उन तीन कथित बिचौलियों में शामिल हैं जिन पर भारतीय जांच एजेंसियों को वीवीआइपी हेलीकाॅप्टर सौदे को ब्रिटेन की कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में करने का संदेह है.