10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत-पाक वार्ता पर बोले बासित- अच्छा वक्त जल्द ही आएगा

नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता को लेकर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा है कि हमे आशा छोड़नी नहीं चाहिए. हमें अच्छे वक्त का इंतजार करना चाहिए और मुझे आशा है कि अच्छा वक्त जल्द ही आएगा. उन्होंने कहा कि कूटनीति का दरवाजा कभी बंद नहीं होता है. यह एक ऐसी […]

नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता को लेकर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा है कि हमे आशा छोड़नी नहीं चाहिए. हमें अच्छे वक्त का इंतजार करना चाहिए और मुझे आशा है कि अच्छा वक्त जल्द ही आएगा. उन्होंने कहा कि कूटनीति का दरवाजा कभी बंद नहीं होता है. यह एक ऐसी चीज जिसके लिए दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं. बासित ने कहा कि अभी भी कोई निश्‍चित तारीख बातचीत के लिए तय नहीं की गई है लेकिन वह वक्त जल्द ही आएगा जब दोनों देश बातचीत के लिए तैयार होंगे.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी अब्दुल बासित ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के रिश्‍ते सामान्य होने में लंबा वक्त लग सकता है लेकिन हम आशा नहीं छोड़ सकते हैं. दोनों देशों को भावी पीढी की शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने पठानकोट हमले के बाद 26 अप्रैल को पहली औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता दिल्ली में हुई. इस दौरान पठानकोट हमले की जांच और कश्मीर समेत कई पेचीदा मुद्दों पर दोनों के बीच चर्चा हुई. बैठक में पाकिस्तानी पक्ष ने कश्मीर को ‘‘मुख्य मुद्दा’ बनाया जबकि भारत की ओर से पठानकोट हमले का मामला उठाया गया.

इधर, भारत ने आतंकी ढांचों से निपटने में संयुक्त राष्ट्र के अपर्याप्त प्रयासों की आलोचना करते हुए कहा है कि विश्व समुदाय इस बुराई से निपटने में विफल रहा है और दुनियाभर में फैले आतंकवाद से निपटने के लिए विश्व निकाय में समेकित ढांचे की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने शांति एवं सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की चर्चा में कहा, ‘‘आतंकवाद शांति एवं सुरक्षा को खतरे के पारंपरिक प्रतिमान में फिट नहीं बैठता है. आज यह हम सभी को प्रभावित करता है, सभी महाद्वीपों में, चाहे हम विकासशील दुनिया से हों या विकसित दुनिया से.’

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि कश्मीरियों को मौलिक मानवाधिकारों से वंचित रखा जाना एक ‘अन्याय’ है और लंबे समय से चले आ रहे विवादों को निपटाने में विफलता को वैश्विक संस्था की ओर से ‘दोहरे मापदंड’ अपनाए जाने के रुप में देखा जाएगा. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने शांति एवं सुरक्षा के मुद्दे पर महासभा की बहस में कहा कि यह वैश्विक समुदाय का कर्तव्य है कि वह मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर अमल सुनिश्चित करवाए. राजदूत ने कहा कि देशों की संप्रभु समानता, अंतरराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीकों से निपटान और बल प्रयोग करने या उसकी धमकी देने से बचना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णि मूल सिद्धांतों में शामिल हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें