NSG में भारत की एंट्री रोकने के लिए चीन के सामने पाक ”नतमस्तक”

नयी दिल्ली : चीन और पाकिस्तान ने मिलकर एक बार फिर भारत के खिलाफ साजिश रची है. प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत की न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में एंट्री रोकने के लिए भारत के दोनों पडोसियों ने हाथ मिला लिया है. इस मामले में बीजिंग ने पाक का समर्थन करते हुए कहा है कि एनएसजी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2016 10:50 AM

नयी दिल्ली : चीन और पाकिस्तान ने मिलकर एक बार फिर भारत के खिलाफ साजिश रची है. प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत की न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में एंट्री रोकने के लिए भारत के दोनों पडोसियों ने हाथ मिला लिया है. इस मामले में बीजिंग ने पाक का समर्थन करते हुए कहा है कि एनएसजी में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को प्रवेश मिले. यदि ऐसा नहीं किया जा सकता तो दोनों में से किसी भी देश को इसमें प्रवेश नहीं देना चाहिए.

चीन ने भारत को रोकने के लिए पाकिस्तान की नॉन-स्टार्टर पोजिशन का इस्तेमाल चालाकी के साथ किया है. एनएसजी के सूत्रों के अनुसार चीन और पाकिस्तान, भारत के प्रवेश रोकने के लिए आपस में हाथ मिला लिया है. 25-26 अप्रैल को एनएसजी पार्टिसिपेटिंग गवर्नमेंट्स के प्रोग्राम में भारत ने सदस्यता के लिए एक औपचारिक प्रस्तुति दी थी जिसके बाद बैठक में पाकिस्तान की ओर से भी इसी प्रकार की प्रस्तुति दी गयी थी.

पाकिस्तानकापत्र
न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में प्रवेश पाने के लिए पाकिस्तान चीन के कदमों में गिर गया है. चीन ने ग्राउंड्स ऑफ पैरिटी यानी समानता के आधार पर पाकिस्तान का समर्थन यह कहते हुए किया या तो दोनों के फार्मेट पर ध्‍यान दिया जाए अन्यथा किसी को भी इसमें जगह नहीं दी जाये. इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो भारत के प्रवेश को रोकने के लिए पाकिस्तान सभी एनएसजी में भाग लेने वाले सरकारों को पत्र भी लिखने की तैयारी कर रहा है.

पाकिस्तान की एंट्री? ‘नो चांस’
इधर, अमेरिका ने भारत की एनएसजी में प्रवेश रोकने को चीन का खेल बताया है. अमेरिका का कहना है कि भारत की पाकिस्तान के साथ तुलना ही नहीं की जा सकती. सूत्रों का कहना है कि चीन भी इस बात को अच्छी तरह जानता है कि एनएसजी में पाकिस्तान की एंट्री का कोई मतलब ही नहीं है फिर भी वह पाकिस्तान की पीठ पर हाथ रखकर भारत को चिढाने का काम कर रहा है. सभी जानते हैं कि ज्यादातर देश पाकिस्तान की एप्लीकेशन खारिज ही कर देंगे जिसके लिए पाकिस्तान कुछ अलग रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहा है.

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