मानहानि मामले में जेल भेजे जाने की पुरानी व्यवस्था कायम रहेगी : सुप्रीम कोर्ट

नयीदिल्ली : सुप्रीमकोर्ट नेभारतीयदंडसंहिता की आपराधिकमानहानिसेसंबंधितधाराओं499व 500 कोकायम रखा है. उच्चतम न्यायालय ने मानहानि के मुद्दे पर दंडात्मक कानूनों की संवैधानिक वैधता की पुष्टि की. यानीआपराधिकमानहानि कानून के तहत जेल भेजे जाने का पुराना कानून लागू रहेगा.कांग्रेसउपाध्यक्ष राहुल गांधी, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल, भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामीसहित20 मशहूरहस्तियों नेइसकानून को रद्द करने की मांग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2016 11:53 AM

नयीदिल्ली : सुप्रीमकोर्ट नेभारतीयदंडसंहिता की आपराधिकमानहानिसेसंबंधितधाराओं499व 500 कोकायम रखा है. उच्चतम न्यायालय ने मानहानि के मुद्दे पर दंडात्मक कानूनों की संवैधानिक वैधता की पुष्टि की. यानीआपराधिकमानहानि कानून के तहत जेल भेजे जाने का पुराना कानून लागू रहेगा.कांग्रेसउपाध्यक्ष राहुल गांधी, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल, भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामीसहित20 मशहूरहस्तियों नेइसकानून को रद्द करने की मांग की थी.जबकिकेंद्र सरकारइसकानून कोबनायेरखने केपक्ष में था.

सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अहम है, जो संविधान प्रदत्त है, लेकिन किसी व्यक्ति के सम्म्मन से जिने का हक भी संविधान से मिला है, जिसे बाधित नहीं किया जा सकता है. अत: मानहानि में जेल भेजे जाने का प्रावधान कायम रखा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने देशभर में मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिए हैं कि वे निजी मानहानि की शिकायतों पर सम्मन जारी करते समय अत्यंत सावधानी बरतें.

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल व सुब्रमण्यन स्वामी जैसी हस्तियां अलग-अलग मामलों में स्वयं मानहानि केस का सामना कर रहे हैं. ऐसे में इनकी मांग थी कि इस कानून के तहत जेल भेजे जाने का प्रावधान खत्म कर दिया जाना चाहिए और सिर्फ संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए.

राहुल गांधी पर जहां महाराष्ट्र के भिवंडी में आरएसएस पर टिप्पणी करने के खिलाफ मानहानि का मामला है, वहीं अरविंद केजरीवाल डीडीवी विवाद में अरुण जेटली का नाम घसीटने को लेकर मानहानि मामला है. स्वामी पर तमिलनाडु में मानहानि मामला है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इनके खिलाफ मानहानि मामलों की सुनवाई प्रक्रिया पुन: शुरू होगी.

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