7th Pay Commission को लेकर आयी एक बड़ी खबर : अब पुरानी पेंशन योजना को चुन सकते हैं सरकारी कर्मचारी
7th Pay commission latest news: नरेंद्र मोदी सरकार ने CCS पेंशन नियम 1972 की कवरेज प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से वन-टाइम स्विच विकल्प का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है.
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने CCS पेंशन नियम 1972 की कवरेज प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से वन-टाइम स्विच विकल्प का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. स्विच विकल्प का लाभ उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, जिनके चयन को 1 जनवरी, 2004 से पहले अंतिम रूप दिया गया था. पर, उन्होंने निर्धारित तिथि के बाद ज्वाइन किया था. एनपीएस से ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) पर स्विच विकल्प की घोषणा के बाद एक चर्चा चल रही है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एनपीएस या ओपीएस के लिए कौन सा पेंशन विकल्प बेहतर है.
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एनपीएस बनाम ओपीएस पर बोलते हुए सेबी पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी ने कहा कि एनपीएस एक वार्षिकी योजना है जो तय नहीं है. एनपीएस केंद्र सरकार के कर्मचारी के वेतन के साथ जुड़ा नहीं है और इस पेंशन योजना में किसी की पेंशन परिभाषित नहीं है. लेकिन,पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन वेतन के साथ जुड़ी हुई है और यह मुद्रास्फीति को भी संबोधित करती है. पुरानी पेंशन योजना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना में कर्मियों की पेंशन को परिभाषित किया गया है.
सेबी के एक अन्य पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ मणिकरण सिंघल ने कहा, कि एनपीएस से ओपीएस में स्विच करना चाहिए और एक एनपीएस खरीदना चाहिए जैसे कि अन्य ईपीएस खाता धारक कर रहे हैं. उस स्थिति में केंद्र सरकार के कर्मचारी दोनों ओपीएस के लाभों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे. इसके अलावा वे एनपीएस में 50,000 रुपये तक के निवेश पर आयकर छूट का दावा करने में सक्षम होंगे, जो आयकर की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख कर छूट सीमा से परे है. उन्होंने कहा कि 7 वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए धारा 80 सी में 1.5 रुपये की छूट की सीमा पर्याप्त नहीं है.
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की शुरुआत के बाद, 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) को एनपीएस के तहत कवर किया जाना अनिवार्य है. केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 और अन्य जुड़े हुए नियम भी संशोधित किए गए और 31 दिसंबर 2003 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू नहीं थे. हालांकि, सरकार से 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों से केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पेंशन योजना का लाभ देने का अनुरोध इस आधार पर किया गया था कि उनकी नियुक्ति में प्रशासनिक कारणों से देरी हुई है.