एमसीडी उपचुनाव के लिए मतदान जारी AAP-BJP में कांटे की टक्कर

नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 13 वार्डों के लिए उपचुनाव के तहत आज मतदान जारी है. उपचुनाव में छह लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे जहां त्रिकोणीय मुकाबले में 95 उम्मीदवार मैदान में हैं. आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार एमसीडी के लिए चुनाव लड रही है. चुनाव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2016 9:50 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 13 वार्डों के लिए उपचुनाव के तहत आज मतदान जारी है. उपचुनाव में छह लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे जहां त्रिकोणीय मुकाबले में 95 उम्मीदवार मैदान में हैं. आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार एमसीडी के लिए चुनाव लड रही है. चुनाव के नतीजे 17 मई को आएगा. इस चुनाव को आम आदमी पार्टी के टेस्ट के तौर पर भी देखा जा रहा है. यदि पार्टी को चुनाव में जीत मिली तो इससे यह साफ हो जाएगा कि जनता के दिल में केजरीवाल को राज अभी भी है. शहर में वर्ष 2017 में होने वाले निकाय चुनाव से पहले उपचुनाव को राजनीतिक दलों के लिए एक अग्निपरीक्षा माना जा रहा है. निगम में सत्तारुढ भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का विश्वास जता रहीं हैं, जबकि आप विधानसभा चुनाव की तरह अपना प्रदर्शन दोहराना चाहती है.

मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ. इसके लिए कडे सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, खासकर उत्तर दिल्ली के क्षेत्रों में जहां दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों को अन्य वार्डों के मुकाबले अधिक संवेदनशील माना है. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा, ‘‘695 मतदान केंद्रों में से करीब 200 की पहचान संवेदनशील और अत्यंत संवेदनशील के रुप में की गई है. उन क्षेत्रों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. तीन निगमों में उत्तर दिल्ली नगर निगम को अधिक संवेदनशील पाया गया है.” उपचुनाव में एसडीएमसी (7), एनडीएमसी (4) और ईडीएमसी (4) के अंतर्गत आने वाले संबंधित वार्डों में कुल 6,68,870 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

मतदान आज शाम पांच बजे तक चलेगा. मतगणना 17 मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी जिसके लिए 13 वार्डों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिन 13 वार्डों में उपचुनाव हो रहा है, उनमें शालीमार बाग (उत्तर), बल्लीमारान, नवादा, विकास नगर, मटियाला, नानकपुरा, मुनिरका, भाटी, तेहखंड, खिचडीपुर, झिलमिल और वजीरपुर शामिल हैं. उपचनुाव इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि 13 पार्षद 2013 और 2015 में दिल्ली विधानसभा के लिए निर्वाचित हो गए थे.

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