LIVE विधानसभा चुनाव : तमिलनाडु ,पश्चिम बंगाल,असम, केरल, और पुडुचेरी में वोटों की गिनती जारी
नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुदुच्चेरी में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गयी है. शुरुआती रुझान एक घंटे के बाद आने की उम्मीद जतायी जा रही है. फिलहाल बैलेट वोटों की गिनती चल रही है. माना जा रहा है कि दोपहर 12 बजे तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
May 18, 2016 7:13 PM
नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुदुच्चेरी में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गयी है. शुरुआती रुझान एक घंटे के बाद आने की उम्मीद जतायी जा रही है. फिलहाल बैलेट वोटों की गिनती चल रही है. माना जा रहा है कि दोपहर 12 बजे तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि पांचों राज्यों में बड़ा खिलाड़ी बनकर कौन उभरेगा और किस पार्टी का ताज किस राज्य में सजेगा. मतगणना के पहले केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी चर्च पहुंचे वहीं असम से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल सुबह-सुबह मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की.
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिसमें ममता बनर्जी, जयललिता, तरुण गोगोई, एम करुणानिधि, ओमन चांडी, वी एस अच्युतानंदन, बुद्धदेव भट्टाचार्य, सर्बानंद सोनोवाल, एन रंगासामी जैसे दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला होगा.
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतगणना आज सुबह आठ बजे शुरू हो चुकी है और तीन बजे तक मतगणना का कार्य पूरा हो जायेगा. उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक विजेताओं की एक स्पष्ट तस्वीर सामने आ जायेगी और यह भी साफ हो जायेगा कि पश्चिम बंगाल में ममता दीदी की पकड कायम है या वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन पुरानी हैसियत वापस पाने में सफल रहा. इस चुनाव में पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में अपनी सरकार बनाने की भाजपा की दावेदारी पर भी स्थिति साफ होगी. तमिलनाडु में भी जयललिता के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक की सत्ता में कायम रहने की कवायद और उसे मिली करुणानिधि नीत द्रमुक की चुनौती पर से पर्दा हटेगा और यह भी साफ होगा कि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ और वाममोर्चा की एलडीएफ में विजेता कौन है.
टेलीविजन चैनलों में 16 मई को प्रदर्शित चुनाव बाद के विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार असम, तमिलनाडु और केरल में परिवर्तन के आसार व्यक्त किये गए हैं. पूर्वोत्तर राज्य असम में पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है कि भाजपा वहां कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाकर पहली बार सरकार गठित कर सकती है. चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के अनुसार कांग्रेस को केरल में भी हार का सामना करना पडेगा. तमिलनाडु में अनुमान व्यक्त किया गया है कि द्रमुक वहां अन्नाद्रमुक को हराकर सत्ता प्राप्त कर सकती है. चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के अनुसार केवल पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की लगातार दूसरी बार जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. सर्वेक्षणों में कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसे केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में जीत मिलने की उम्मीद व्यक्त की गई है जहां उसके और द्रमुक के गठबंधन के सत्ता में आने की संभावना है.
क्या असम में खिल पायेगा कमल ?
असम विधानसभा की 126 सीटों की चुनावी तस्वीर 19 मई को मतगणना के साथ ही साफ हो जाएगी और इसके साथ ही मुख्यमंत्री तरुण गोगोई समेत 8,300 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला भी हो जायेगा और यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि क्या भाजपा पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में होगी या लगातार चौथी बार राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। राज्य में कोई सियासी पार्टी खम ठोक कर सरकार बनाने का दावा नहीं कर रही है और एक्जिट पोल में भाजपा के सत्ता में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. कांग्रेस बोडोलैंड क्षेत्र को छोडकर अन्य भागों में अपने दम पर चुनाव लड रही है जबकि भाजपा ने असम गण परिषद के साथ गठबंधन किया है और जबकि एच मोहिलारी के नेतृत्व वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसका गठबंधन पहले से था। जेडीयू और आरजेडी ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ तालमेल किया है. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतगणना सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक होगी.
पश्चिम बंगाल : दीदी के जलवे का सवाल
पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव छह चरणों में सम्पन्न हुआ है और अब इस बात पर निगाहें टिक गई हैं कि इस चुनाव में जीत आखिर किसकी होगी और पलडा किसका भारी रहेगा और इसके कारणों की भी विवेचना होगी. कांग्रेस और वाम दलों में तालमेल होने के बाद तृणमूल के समक्ष एक मजबूत गठबंधन की चुनौती है. पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव इस मायने में खास है कि भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी है और इसलिए सियासी लडाई और दिलचस्प हो गई है.
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की कमान तृणमूल कांग्रेस की ओर से जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संभाली, वहीं कांग्रेस की ओर से स्थानीय नेताओं के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने और वाममोर्चा से बुद्धदेव दासगुप्ता, विमान बोस, सीताराम येचुरी समेत कई दिग्गजों ने प्रचार किया. भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने प्रचार किया.
पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों के लिये कल सुबह आठ बजे 90 स्थानों पर मतों की गणना शुरू हो जायेगी. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिये एक एक गणना प्रेक्षक नियुक्त किया गया है. इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन आफ इंडिया (ईसीआईएल) के इंजीनियर भी गणना केंद्रों पर उपस्थित रहेंगे ताकि किसी तरह की तकनीकी दिक्कत होने पर वे तुरंत उसे ठीक कर सकें. केंद्रीय सुरक्षा बलों की 78 कंपनियां मतदान मशीनों की सुरक्षा में तैनात की गयी हैं.
तामिलनाडु में किस करवट बैठेगी ऊंट
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री जे जयललिता सत्ता में बने रहने की उम्मीद के साथ मैदान में उतरी हैं तो द्रमुक के मुखिया करुणानिधि राज्य में सत्ता परिवर्तन की पुरानी परिपाटी के अनुरूप फिर से मुख्यमंत्री बनने की आशा लगाए हुए हैं. पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट की वजह से मुकाबला कुछ हद तक त्रिकोणीय नजर आ रहा है.
राज्य की 232 सीटों के लिए बीते 16 मई को मतदान हुआ और इसमें 69 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. कल मुख्यमंत्री जे जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि समेत 3700 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा जहां 5.50 करोड मतदाताओं के लिए करीब 65000 मतदान केंद्रों बनाए गए थे.तमिलनाडु के 32 जिलों में 234 विधानसभा सीटें हैं लेकिन मतदान केवल 232 सीटों के लिए हो रहा है क्योंकि चुनाव आयोग ने मतदाताओं के बीच धन बांटे जाने की शिकायतों के बाद अरावाकुरिची और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान टालने का निर्णय लिया था. इन सीटों के लिए 23 मई को मतदान होगा.
केरल में दो बुजुर्गो के बीच है कड़ी टक्कर
केरल में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सबकी नजरें कल होने वाली मतगणना पर टिक गयी हैं और सबके जेहन में यही सवाल है कि क्या केरल फिर अपना इतिहास दोहराएगा जहां हर पांच साल के अंतराल में सत्ता यूडीएफ और एलडीएफ के पास जाती रहती है.
केरल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जमकर चुनाव प्रचार किया है. भाजपा यहां आधार बढ़ाना चाहती है. उधर एक्जिट पोल में आये सर्वे के मुताबिक वी एस अच्युतानंद को लोग ओमान चांडी के तुलना में ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
पुडुचेरी में मुख्यमंत्री रंगासामी को द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन से कडी चुनौती
पुडुचेरी विधानसभा की 30 सीटों के लिए कल मतगणना होगी जहां तीन बार से मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाल रहे एन रंगासामी को द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन से कडी चुनौती का सामना करना पड रहा है. प्रदेश में मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मतों की गिनती का कार्य कल सुबह आठ बजे आरंभ होगी और दोपहर तक पूरी तस्वीर स्पष्ट हो जाने की उम्मीद है.
पुडुचेरी में इस बार भी जीत दर्ज करके मुख्यमंत्री एन रंगासामी एक बार फिर से इस केंद्र शासित प्रदेश की सत्ता संभालने और चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए हुए हैं. हालांकि अन्नाद्रमुक के अलग चुनाव लडने और द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन के चलते उनके लिए बडी चुनौती पैदा हो गयी है.