नयी दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज एनइइटी के तहत एक साथ देश भर में मेडिकल परीक्षा लिये जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक अध्यादेश कोस्वीकृति दे दी है.समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्य बोर्डों को एक सामान मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के दायरे से एक साल के लिए बाहर रखने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दी है. इस आशय की खबर समाचार एजेंसी एएनआइ ने भी दी है.सूत्रों के अनुसार, इस अध्यादेश को हस्ताक्षर व मंजूरी के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजा जायेगा, जिसके बाद इसे जारी कर दिया जायेगा. सूत्रों के अनुसार, अध्यादेश मेंइससाल एक साथपूरेदेश में मेडिकल भरती परीक्षा लेने को टालने का निर्णय लिया गया है, जिससे वैसे छात्र जो हिंदी, अंगरेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में पढाई करते हैं उन्हें लाभ होगा.यहअध्यादेश सुप्रीमकोर्ट के28अप्रैलकेउसआदेश के खिलाफ है, जिसमें एनइइटीके तहतएकसाथ पूरे देश में मेडिकल-बीडीएस परीक्षा लेने का आदेश दिया गया था.अध्यादेश के अनुसार, 24 जुलाई को अब केवल एक साथ निजी कॉलेजों की मेडिकल परीक्षा होगी, राज्य बोर्डों को इससे छूट मिलेगी.
Some states have issues, I assure all that we will resolve the matter very soon-JP Nadda,Health Minister #NEET pic.twitter.com/xcu5mRKzVc
— ANI (@ANI) May 20, 2016
उक्त फैसले के खिलाफ दक्षिणी राज्यों सहित महाराष्ट्र व गुजरात जैसे राज्यों के दलील थी कि एनइइटी यानी राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा के तहत एक साथपरीक्षा लेने सेउनकेयहां के बच्चेपिछड़ जायेंगे, क्योंकि वे क्षेत्रीय भाषाओं में तैयारी करते हैं.हालमें संसदकेसत्र में भी यहमामलाउठा था. दो दिन पहले इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक हुई थी, उसमें भी राजनीतिक दलों ने कहा था कि कम से कम एक साल के लिए इससे बच्चों को छूट मिलनी चाहिए. एनइइटी केतहतअगंरेजी या हिंदी में परीक्षा लिये जाने की बात कही गयी है.
Some states have issues, I assure all that we will resolve the matter very soon-JP Nadda,Health Minister #NEET pic.twitter.com/xcu5mRKzVc
— ANI (@ANI) May 20, 2016
हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह छूट इस साल सिर्फ राज्य सरकारों के मेडिकल कॉलेजों में परीक्षा देने में मिलेगी. जबकि निजी कॉलेजों की परीक्षा एकीकृत ढंग से एनइइटी के तहत ही होगी.
Happy that central cabinet promulgated ordinance to postpone NEET exam by a year: Devendra Fadnavis, CM Maharashtra pic.twitter.com/cr9AhbS5ee
— ANI (@ANI) May 20, 2016
क्या कहा गया था सुप्रीम कोर्ट के फैसल में?
उच्चतम न्यायालय ने एक अहम आदेश में अकादमिक सत्र 2016-17 के लिए एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों की अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित कराने की इजाजत मांगने वाली राज्य सरकारों और अल्पसंख्यक संस्थानों की याचिकाओंको नौ मई को खारिज कर दिया था.
शीर्ष न्यायालय ने अपने 28 अप्रैल के उस आदेश को संशोधित करने से इनकार कर सभी भ्रम को दूर कर दिया था, जिसमें इसने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनइइटी) के जरिए एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एकल साझा प्रवेश परीक्षा कराने की केंद्र और सीबीएसइ को इजाजत दी थी. शीर्ष अदालत ने एक मई के ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) को एनइइटी माने जाने के लिए केंद्र, सीबीएसइ और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया( एमसीआइ) द्वारा अपने समक्ष रखे गए कार्यक्रम को मंजूरी दी थी.