जानें, कौन है असम में BJP की धमाकेदार जीत के ”चाणक्य”

गुवाहाटी : असम में भाजपा की धमाकेदार जीत के कई नायक है.भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के नायकों में सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिसवा सरमा और राम माधव का जिक्र तो सभी कर रहे हैं लेकिन वास्तव में इस जीत का एक और नायक है.इसनायक का नाम रजत सेठी है. जिन्होंने पर्दे के पीछे से इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2016 4:17 PM

गुवाहाटी : असम में भाजपा की धमाकेदार जीत के कई नायक है.भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के नायकों में सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिसवा सरमा और राम माधव का जिक्र तो सभी कर रहे हैं लेकिन वास्तव में इस जीत का एक और नायक है.इसनायक का नाम रजत सेठी है. जिन्होंने पर्दे के पीछे से इस जीत की पटकथा लिखी. 30 वर्षीय रजत सेठी की बनायी योजना पर चलकर भाजपा ने असम में शानदार जीत दर्ज की.

कौन है रजत सेठी
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले रजत सेठी ने आरएसएस के स्‍कूल शिशु मंदिर से पढ़ाई की. आइआइटी खड़गपुर से सेठी ने बीटेक किया. इसके बाद अमेरिका में एमआइटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में इन्‍होंने पढ़ाई की. रजत सेठी ने एक आइटी कंपनी भी डाली, जिसे बाद में इन्‍होंने बेच दिया.

राम माधव से मुलाकात के बाद भाजपा में हुए शामिल

भाजपा नेता राम माधव से मुलाकात के बाद और उनके कहने पररजत सेठी भाजपा में शामिल हुए. दरअसल, रजत पिछले वर्ष जून में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अमेरिका से भारत लौटे. भाजपा के महासचिव राम माधव ने उनसे पूछा क्‍या वे दिल्‍ली से गुवाहाटी जाकर राज्य के युवाओं के बीच पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए काम कर सकते हैं और वह तैयार हो गये.

गुवाहाटी को अपना हेडक्वार्टर चुना
राम माधव ने सेठी को 32 जिलों, 25 हजार बूथों पर काम करने के लिए कहा.इसकेबादरजत सेठी की टीम ने गुवाहाटी को अपना हेडक्‍वार्टर चुना. सेठी ने एक फ्लैट किराये पर लेकरकार्यालयखोला और काम शुरू कर दिया. सोशल मीडिया के जरिये उन्‍होंने सार्वजनिक संवाद करभाजपा का एजेंडा युवक-युवतियों तक पहुंचाने का काम किया. अपनी टीम में इन्‍होंने चार सौ युवाआें को शामिल किया. अपनी टीम के साथ उन्होंने बीस-बीस घंटे काम किया.

रजत को किसी के साथ तुलना पसंद नहीं

मीडियामेंछपी एकरिपोट के मुताबिक भाजपा की जीत के बाद भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए मंदिर जाने से पहले उन्‍होंने गुवाहाटी से फोन पर बातचीत करते हुए कहा, मैं प्रशांत किशोर नहीं हूं, ये उपमाएं मीडिया इस्‍तेमाल कर रहा हैं. रजतसेठीके मुताबिक वे 37 वर्षीय प्रशांत किशोर की तुलना में अलग तरीके से काम करने पर यकीन रखते हैं. प्रशांतकिशोर, पीएम मोदी के साथ काम करने के बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर शिफ्ट हुए और अब वे पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान की कमान संभाल रहे हैं.

वैचारिक समानता को लेकर भाजपा से जुड़ा : रजत
रजत सेठी ने कहाकिउन्होंनेभाजपा की मदद इसलिए की क्योंकि उसके साथ मेरी वैचारिक समानता है.उन्होंने कहा कि वे उन हजारोंभाजपा कार्यकर्ताओं की तरहहै, जिन्‍होंने अलग-अलग तरीकों से पार्टी की मदद करने की कोशिश की.

रजत की एकमात्र भरोसेमंद साथी रहीं शुभ्रस्था
रजत की एकमात्र भरोसेमंद साथी शुभ्रस्‍था रहीं, जो 2014 के आम चुनाव में प्रशांत किशोर के साथ काम चुकी हैं. रजत बताते हैं कि उन्‍होंने फेसबुक और ट्वीटर के जरिये नयी नीतियों की जानकारी लेकर लोगों की उनके बारे में राय जानी और फिर इनका उपयोग जमीनी अभियान में किया. उन्‍होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी ने असम मेंजबरर्दस्त सफलता करिश्‍माई सर्वानंद सोनोवाल और हिमंत विश्व शर्मा की जोड़ी के ही कारण ही हासिल की है.

गौरतलब है कि सोनोवालअसम के अगलेमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. जबकि चुनाव के करीब एक वर्ष पहले ही कांग्रेस सेभाजपा में शिफ्ट हुए विश्व शर्मा ने पार्टी के चुनाव अभियान में नयी जान फूंकी.

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