Loading election data...

उत्तराखंड स्टिंग केस : हरीश रावत को CBI समन पर रोक लगाने से HC ने इनकार किया

नैनीताल : कथित स्टिंग मामले में फंसे उत्तराखंड केमुख्यमंत्री हरीश रावत की मुश्किलेंकमहोती नहीं दिख रही हैं. हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच मामले में हरीश रावत को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने हरीश रावत को सीबीआइ समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुएकेंद्रीयजांच एजेंसी को काउंटर फाइल करने के लिए कहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2016 7:38 PM

नैनीताल : कथित स्टिंग मामले में फंसे उत्तराखंड केमुख्यमंत्री हरीश रावत की मुश्किलेंकमहोती नहीं दिख रही हैं. हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच मामले में हरीश रावत को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने हरीश रावत को सीबीआइ समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुएकेंद्रीयजांच एजेंसी को काउंटर फाइल करने के लिए कहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 31 मई को होगी.

विधायकों की खरीद फरोख्त के स्टिंग मामले में राज्य कैबिनेट की अधिसूचना रद्द करने के फैसले को खारिज करनेके सीबीआइ के फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्रीहरीश रावत नेहाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में राज्यपाल की संस्तुति पर सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी थी. राष्ट्रपति शासन हटने और हरीश रावत सरकार के बहाल हाेने के बाद कैबिनेट ने सीबीआइ जांच की अधिसूचना रद करने का फैसला किया था. इसे सीबीआइ ने स्वीकार नहीं किया और जांच को जारी रखने की बात कही.

मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि केंद्रीय जांच एजेंसी का फैसला नियम के विरुद्ध है और इसे रद किया जाये. वहीं, सीबीआइ ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य की ओर से पहले अधिसूचना दी गयी थी. जिसके बाद जांच शुरू की गयी.

क्या है मामला
एक निजी चैनल के पत्रकार द्वारा बनायी गयी और नौ बागी कांग्रेसी विधायकों द्वारा प्रसारित की गयी स्टिंग सीडी में कथित रूप से रावत को बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिये पत्रकार से सौदेबाजी करते दिखाया गया था. गत 18 मार्च को नौ कांग्रेसी विधायकों के बागी हो जाने और राज्य विधानसभा में भाजपा के साथ खड़े हो जाने के बाद प्रदेश में सियासी संकट पैदा हो गया था, जिसकी परिणिति 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में हुई थी.

Next Article

Exit mobile version