नयी दिल्ली :भाजपा नेता और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को आज पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया. अभी इस पद का अतिरिक्त प्रभार अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल देख रहे हैं.राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘श्रीमती किरण बेदी को उनके पदभार संभालने की तारीख के प्रभाव से पुडुचेरी का राज्यपाल नियुक्त करते हुए राष्ट्रपति प्रसन्नता महसूस करते हैं.’
देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान की कमान संभालने वाली 66 साल की किरण ने कहा, ‘‘मैं इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए अपना शत प्रतिशत दूंगी. मैं देश के फायदे के लिए काम करंगी. मैं हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी. मैं सरकार के फैसले के प्रति आभारी हूं। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया.’ तीन दिन पहले ही 30 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने 17 सीटें हासिल की हैं. अन्नाद्रमुक ने अपने दम पर चुनाव लडा था और चार सीटें जीतीं वहीं भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल सकी.
नरेंद्र मोदी सरकार ने गत 12 जुलाई को संप्रग सरकार द्वारा उपराज्यपाल बनाये गये वीरेंद्र कटारिया को नियुक्ति के महज एक साल बाद ही हटा दिया था, जिसके बाद से यह पद खाली पडा था. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह को पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.
नौ जून, 1949 को जन्मी बेदी ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान की कमान संभाली थी लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के आगे उन्हें जबरदस्त शिकस्त का सामना करना पडा.1972 बैच की आईपीएस अधिकारी बेदी ने 2007 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. उस समय वह पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो में महानिदेशक थीं.खेल प्रेमी और लेखिका किरण को रैमन मैग्सायसाय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. वह उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र के पदक से भी विभूषित हो चुकी हैं. साल 2011 में तत्कालीन संप्रग सरकार के खिलाफ चलाये गये भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अन्ना हजारे और केजरीवाल के साथ वह भी मुख्य चेहरा थीं.
किरण बेदी ने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी और 1993 में आईआईटी दिल्ली के सामाजिक विज्ञान विभाग से पीएचडी किया.बेदी ने कहा कि वह आईपीएस में केंद्र शासित (यूटी) कैडर में थीं और वह हमेशा पुडुचेरी जाना चाहती थीं.उन्होंने बताया, ‘‘मैं मिजोरम, गोवा, चंडीगढ में पदस्थ रही लेकिन अंडमान और पांडिचेरी नहीं जा सकी. यह अच्छा मौका है. यह मेरे अपने कैडर का हिस्सा है.’ बेदी ने कहा कि उनके लिए उपराज्यपाल का कार्यालय उस राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की पूरी स्वीकार्यता के लिए हो