NEET अध्यादेश: कल राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे स्वास्थ्य मंत्री नड्डा

नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे और उन्हें इस साल राज्य सरकारों के शिक्षा बोर्डों को साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के दायरे से बाहर रखने के लिए अध्यादेश का सहारा लेने के तर्क से अवगत कराएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि राष्ट्रपति द्वारा स्वास्थ्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2016 7:50 PM

नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे और उन्हें इस साल राज्य सरकारों के शिक्षा बोर्डों को साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के दायरे से बाहर रखने के लिए अध्यादेश का सहारा लेने के तर्क से अवगत कराएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि राष्ट्रपति द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय से अध्यादेश का रास्ता अपनाए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद नड्डा कल अपराह्न प्रणब से मुलाकात कर पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे.

प्रणब मंगलवार को चीन की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं. शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूर किए गए अध्यादेश का मकसद उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को ‘‘आंशिक तौर पर’ पलटना है जिसमें कहा गया कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के दायरे में आएंगे. राष्ट्रपति ने अध्यादेश के मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय भी मांगी है. यह रियायत सिर्फ राज्य सरकार की सीटों के लिए होने की बात स्पष्ट करते हुए सूत्रों ने कहा था कि निजी मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित राज्य सरकार की सीटों को भी इस साल एनईईटी से छूट दी गई है. विभिन्न राज्य सरकारें राज्य कोटा के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 12 से 15 सीटें निर्धारित करती हैं ताकि किसी एक राज्य के छात्र दूसरे राज्य में सीट हासिल कर सकें.
ऐसे कॉलेजों में शेष सीटें डोमिसाइल छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं. अब इस अध्यादेश के लागू हो जाने से डोमिसाइल छात्रों के लिए निर्धारित शेष सीटें एनईईटी के दायरे में आएंगी. सूत्रों ने बताया कि 15 से ज्यादा राज्य एनईईटी के विरोध में थे और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की हाल की बैठक के दौरान अलग-अलग पाठ्यक्रमों और भाषाओं जैसे मुद्दे उठाए थे. परीक्षा का अगला चरण 24 जुलाई को आयोजित होना है. करीब 6.5 लाख छात्र बीते एक मई को हुए एनईईटी के पहले चरण में शामिल हो चुके हैं.
सूत्रों ने बताया कि अध्यादेश लागू हो जाने के बाद राज्य सरकार के बोर्डों के छात्रों को 24 जुलाई को एनईईटी में शामिल नहीं होना होगा. बहरहाल, उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से एनईईटी में शामिल होना होगा. यह परीक्षा केंद्र सरकार और निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए आवेदन करने वाले छात्रों पर लागू होगी.स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में हाल ही में राज्यों ने कई मुद्दे उठाए थे जिसमें छात्रों की भाषा और पाठ्यक्रम से जुडी समस्याएं शामिल थीं. उन्होंने कहा कि राज्य के बोर्डों से संबद्ध छात्रों को जुलाई में एनईईटी में शामिल होने में दिक्कतें आएंगी और ऐसे छात्र केंद्रीय बोर्डों के छात्रों की तुलना में नुकसान में रहेंगे.

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