12वीं के बाद प्योर साइंस में प्योर कैरियर

ब्रह्मानंद मिश्र प्रोफेशनल कोर्स के जरिये कैरियर की बुलंदियां छू लेने की होड़ में बहुत से युवा असमंजस में फंस जाते हैं. अमूमन ऐसी समस्याएं मार्केट की मांग को देख कर कैरियर चुनने की वजह से आती हैं, जबकि बी-टेक और एमबीबीएस जैसे प्रोफेशनल कोर्स के समानांतर प्योर साइंस आज भी अपार संभावनाओं का क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2016 7:49 AM
ब्रह्मानंद मिश्र
प्रोफेशनल कोर्स के जरिये कैरियर की बुलंदियां छू लेने की होड़ में बहुत से युवा असमंजस में फंस जाते हैं. अमूमन ऐसी समस्याएं मार्केट की मांग को देख कर कैरियर चुनने की वजह से आती हैं, जबकि बी-टेक और एमबीबीएस जैसे प्रोफेशनल कोर्स के समानांतर प्योर साइंस आज भी अपार संभावनाओं का क्षेत्र बना हुआ है, बशर्ते आपके अंदर रुचि और लंबी रेस की क्षमता होनी चाहिए. प्योर तथा एप्लाइड साइंस में अंतर और प्योर साइंस में कैरियर के विभिन्न मुकाम के बारे में विस्तार से पढ़ें इस आलेख में…
आपने चित्रांग मुर्दिया का नाम शायद सुना होगा. वहीं चित्रांग, जिसने आइआइटी-जेइइ-2014 में देश भर में पहला स्थान हासिल करने के बाद आइआइटी, बांबे में बीटेक कंप्यूटर साइंस में दाखिला लिया था, और कुछ दिन बाद मुर्दिया ने इसे छोड़ कर फिजिक्स (क्वांटम थ्योरी) में कैरियर बनाने का फैसला कर लिया. कुछ ऐसा ही काम 2006 के आइआइटी जेइइ टॉपर रघु महाजन ने भी किया था. दरअसल, आज के कॉरपोरेट युग ने छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे प्रोफेशनल कोर्सेस की तरफ हद से ज्यादा आकर्षित कर लिया है.
छात्र बीटेक, एमबीबीएस जैसे कोर्स में दाखिले के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और मैथ्स की तैयारी तो खूब करते हैं, लेकिन आइआइटी जेइइ व एआइपीएमटी में सफल होने के बाद इन विषयों के इतर कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि कोर्सेस में से बेहतर कोर्स को चुन लेते हैं. लेकिन, ऐसे छात्रों की कमी नहीं है, जो फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स जैसे प्योर साइंस के विषयों से अपना प्यार नहीं छोड़ पाते. यहां हम प्योर साइंस के क्षेत्र में कैरियर की राहों के बारे में जानेंगे.
क्या है प्योर साइंस
अंगरेजी में एक कहावत है-‘स्लो एंड स्टेडी विन्स द रेस’ यही अंतर है प्योर और एप्लाइड साइंस में कैरियर के बीच. दरअसल, प्रोफेशनल कोर्स में रुझान का सबसे बड़ा कारण यह है कि डिग्री पूरा करते ही आप इंडस्ट्री में काम करने योग्य हो जाते हैं.
आप बहुत जल्दी अपना कैरियर शुरू कर सकते हैं, लेकिन प्योर साइंस आपको बैद्धिक क्षमता के सतत विकास के रास्ते रिसर्च, इनोवेशन की उत्कृष्ट मंजिल तक ले जाता है. भारत रत्न और फिजिक्स में नोबेल विजेता सीवी रमन, पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, वेंकटरमण रामाकृष्णन (2009 में केमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार विजेता- राइबोसोम्स एंड प्रोटीन सिंथेसिस के लिए) और मौजूदा जर्मन चांसलर एंगेला मार्केल (एकेडमी ऑफ साइंस, बर्लिन में पूर्व वैज्ञानिक) जैसे तमाम उदाहरण हैं, जिन्होंने प्योर साइंस के रास्ते कैरियर की ऊंचाइयों को छुआ है.
21वीं सदी प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष की सदी है, आप को एक ऐसे रास्ते को अख्तियार करना है, जहां से आप अपनी प्रतिभा का भरभूर उपयोग कर सकते हैं. यदि रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) आपकी पहली पसंद है, तो प्योर साइंस के प्रति अपने प्यार को इस मंजिल को हासिल कर लेने तक इसे बरकरार रखना होगा. फिजिक्स और केमिस्ट्री में वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रति वर्ष वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से नवाजा जाता है. प्रोफेशनल कोर्सेस की चकाचौंध में ठहर कर यदि आप देखेंगे तो आपको पता चल जायेगा कि प्योर साइंस का क्षितिज कितना व्यापक है.
फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स आदि आर एंड डी सेक्टर की रीढ़ माने जाते हैं़ साइंस के विभिन्न विषयों में स्नातक और परास्नातक करनेवाले छात्र कई क्षेत्रों में कैरियर तलाश सकते हैं-
– हाल के वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र में उपक्रमों में बेसिक साइंस ग्रेजुएट की मांग तेजी से बढ़ी है.
– रिसर्च के लिए देश के विभिन्न प्रयोगशालाओं, संस्थानों के साथ-साथ विदेशों में भी संभावनाओं से यह क्षेत्र भरा हुआ है.
– उच्च शिक्षा और अध्यापन में प्योर साइंस ग्रेजुएट के लिए राहें हमेशा आसान होती हैं.- कुछ संस्थान पर्यावरण, वित्तीय सेवाओं, विधिक सेवाओं और यातायात सेवाओं में भी इन छात्रों को मौके देते हैं.
– यूपीएससी और राज्य सेवा आयोग की परीक्षाओं को पास कर प्रशासनिक सेवाओं आदि में कैरियर बनाने का मौका होता है.

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