नयी दिल्ली: एनईईटी अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज मंजूरी दे दी है. चीन दौरे पर जाने से पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश को लेकर कानूनी सलाह मांगी थी. राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से इस संबंध में चर्चा की थी कि और पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पीछे हट रही है. राष्ट्रपति को दी सलाह में अटॉर्नी जनरल ने सरकार के अध्यादेश पर अपनी सहमति जताई थी.
राष्ट्रपति ने ली सलाह
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस साल एकीकृत चिकित्सा प्रवेश परीक्षा, एनईईटी के दायरे से राज्य बोर्डों को बाहर रखने के लिए अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी. आधिकारिक सूत्रों ने इस संबंध में बताया था कि राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही राष्ट्रपति कुछ सवालों पर वह विधि विशेषज्ञों से मशविरा कर रहे थे. पिछले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर अध्यादेश का मकसद उच्चतम न्यायालय के फैसले को आंशिक तौर पर टालना था जिसमें कहा गया था कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज एनईईटी के दायरे में आएंगे.
नड्डा ने की राष्ट्रपति से मुलाकात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को मामले को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें इस साल राज्य सरकारों के शिक्षा बोर्डों को साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के दायरे से बाहर रखने के लिए अध्यादेश का सहारा लेने के तर्क से अवगत कराया. आपको बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मंगलवार यानी आज चीन की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं जिसके पहले उन्होंने एनईईटी अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया.
एनईईटी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
राष्ट्रपति ने एनईईटी अध्यादेश को आज मंज़ूरी दी. इसी साल से एनईईटी लागू किया गया. राज्यों को एनईईटी से एक साल की छूट है साथ ही राज्य चाहें तो इसके के तहत आ सकते हैं. इस साल से ही प्राइवेट कॉलेज भी एनईईटी के दायरे में आए.