नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज चार दिवसीय चीन यात्रा के लिए रवाना हो गए. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढावा देना और आतंकी संगठनों से निपटने के लिए सहयोग जुटाना है. अपनी पहली आधिकारिक चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग, चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे.
वह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगवाने की भारत की कोशिश को चीन द्वारा अवरुद्ध किए जाने का मुद्दा उठा सकते हैं. इसके साथ ही वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह :एनएसजी: की सदस्यता के लिए भारत से परमाणु अप्रसार संधि :एनपीटी: पर हस्ताक्षर कराने पर चीन की ओर से जोर दिए जाने का मुद्दा भी उठा सकते हैं.
भारत ने चीन के उस तर्क का विरोध किया था, जिसमें उसने भारत के एनएसजी का सदस्य बनने से पहले नई दिल्ली के एनपीटी पर हस्ताक्षर की बात उठाई थी. भारत ने चीन के इस दावे को ‘भ्रम’ करार दिया था क्योंकि परमाणु अप्रसार संधि गैर-एनपीटी देशों के साथ असैन्य परमाणु सहयोग की अनुमति देती है.