शराब उद्योग को जलापूर्ति पूरी तरह बंद करने का महाराष्ट्र को निर्देश नहीं देगा सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में शराब उद्योगों को पानी की आपूर्ति पूरी तरह से काटने का निर्देश देने से आज इंकार कर दिया. न्यायमूर्ति पी सी पंत और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की अवकाश पीठ ने शराब निर्माताओं को पानी की आपूर्ति पर पूरी तरह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2016 1:31 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में शराब उद्योगों को पानी की आपूर्ति पूरी तरह से काटने का निर्देश देने से आज इंकार कर दिया. न्यायमूर्ति पी सी पंत और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की अवकाश पीठ ने शराब निर्माताओं को पानी की आपूर्ति पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने पर याचिकाकर्ता की खिंचाई की और कहा कि बम्बई उच्च न्यायालय ने इस संबंध में पहले ही अंतरिम आदेश दे दिया है. पीठ ने कहा, ‘आप उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ यहां क्यों आए हैं?

उच्च न्यायालय ने पहले ही 60 प्रतिशत की अनुमति दे दी है, अब आप क्या चाहते हैं? ये नीतिगत निर्णय हैं. इसमें एक संतुलन होना चाहिए.’ याचिकाकर्ता संजय भास्करराव काले की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि पूरा क्षेत्र गंभीर सूखे से प्रभावित है और इस बारे में एक नीति होनी चाहिए. इस पर पीठ ने कहा कि ये सभी नीतिगत निर्णय है और अदालत के हस्तक्षेप का मतलब होगा शासन को हाथ में लेना. शीर्ष अदालत ने उस समय इस याचिका को वापस ली हुई मानते हुए खारिज कर दिया जब वकील ने अर्जी वापस लेने पर सहमति व्यक्त की.

उच्चतम न्यायालय ने हालांकि याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी. बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगावाद पीठ ने हाल ही में राज्य सरकार से कहा था कि वह 10 मई से शराब उद्योग को जलापूर्ति में 60 प्रतिशत की कटौती करे. यह आदेश 27 जून तक लागू रहेगा. बहरहाल, उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया कि शराब उद्योग को पानी की आपूर्ति में कटौती करने की बजाए किसी तरह की आपूर्ति नहीं की जाए क्योंकि क्षेत्र को पानी की गंभीर कमी से जूझना पड रहा है.

याचिका में कहा गया था कि लोग पानी की कमी के कारण मर रहे हैं और जल का सीमित भंडार ही उपलब्ध है. वकील ने कहा था कि लोगों को पानी से वंचित होना पड रहा है क्योंकि पानी शराब उद्योग को दिया जा रहा है.

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