राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करने वाले पत्रकारों पर गिरी गाज, पढें क्या है पूरा मामला
श्रीनगर : सेना के एक कार्यक्रम का कवरेज करने पहुंचे दो पत्रकारों को उस वक्त असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब उन्हें कार्यक्रम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान गाए जाने के समय दोनों पत्रकार खडे नहीं हुए और अपना सारा ध्यान कवरेज में लगा […]
श्रीनगर : सेना के एक कार्यक्रम का कवरेज करने पहुंचे दो पत्रकारों को उस वक्त असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब उन्हें कार्यक्रम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान गाए जाने के समय दोनों पत्रकार खडे नहीं हुए और अपना सारा ध्यान कवरेज में लगा दिया. राष्ट्रगान खत्म होने के बाद दो स्थानीय पत्रकारों को सेना के एक अधिकारी ने कार्यक्रम से बाहर जाने को कहा. ये पत्रकार कार्यक्रम का कवरेज करने आए थे. दैनिक अखबार कश्मीर रीडर और राइजिंग कश्मीर में काम करने वाले इन पत्रकारों को शहर से दूर रंगरेथ में जम्मू कश्मीर लाइट इनफैंटरी रेजिमेंटल सेंटर में ‘पासिंग आउट परेड’ के कार्यक्रम से बाहर जाने को कहा गया.
कश्मीर रीडर के संवाददाता जुनैद नबी बजाज ने बताया, ‘‘ सेना ने हमें इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए बुलाया था, न कि हमसें हिस्सा लेने। जब राष्ट्रगान बजाया गया तो मैं अपनी खबर के लिए चीजें लिख रहा था। राष्ट्रगान खत्म होने पर कर्नल बर्न हमारे पास आए और हमें कार्यक्रम से जाने को कहा।’ बजाज का आरोप है कि कर्नल बर्न ने उनके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया.‘‘ उन्होंने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि यहां आपको छोडकर सभी लोग राष्ट्रगान के लिए खडे हुए. हमें आप जैसे लोगों की जरुरत नहीं है, इसलिए कृपया यहां से चले जाइये.’ इस घटना की पुष्टि करते हुए श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता कर्लन एन.एन. जोशी ने कहा कि उन्होंने देखा कि ये दो पत्रकार राष्ट्रगान बजाए जाते समय खडे नहीं हुए.
कर्नल जोशी ने कहा, ‘‘ जब मैं उनसे बात कर रहा था तो अधिकारी :कर्नल बर्न: आए और स्वाभाविक तौर पर यह उनकी भावना ही थी जो इससे आहत हुई और उन्होंने उन पत्रकारों को जाने को कहा.’ बजाज ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद कर्नल जोशी ने ‘बर्न के व्यवहार’ के लिए खेद जताया.