पूर्वोत्तर के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बनाया गंठबंधन, चार राज्यों के मुख्यमंत्री हुए शामिल

गोवाहाटी : पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार असममेंसरकार गठन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर के विकास व वहां के लोगों को देश की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए एक व्यापक योजना बनायी है.देश की3.1प्रतिशत आबादी व 8 प्रतिशत क्षेत्रफल वाले इसइलाकेमेंकुलसात राज्य हैं.भारतीय जनतापार्टी ने पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए गैर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 11:57 AM

गोवाहाटी : पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार असममेंसरकार गठन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर के विकास व वहां के लोगों को देश की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए एक व्यापक योजना बनायी है.देश की3.1प्रतिशत आबादी व 8 प्रतिशत क्षेत्रफल वाले इसइलाकेमेंकुलसात राज्य हैं.भारतीय जनतापार्टी ने पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए गैर कांग्रेसी दलों का एकगंठबंधन कल रात तैयार किया.

असमके मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवालकेशपथ ग्रहण समारोह में शामिलहोने अमित शाह कल गोवाहाटी पहुंचे थे. इस कार्यक्रम से इतर उन्होंने इस मुद्दे पर अपने व दूसरे दलों के नेताओं के साथ अहम बैठक की. फिलहाल सात राज्यों वाले पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस गंठबंधन में शामिल होने की पेशकश की है.

पूर्वोत्तर भारत का यह गंठबंधन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन यानी एनडीए के तहत ही काम करेगा. इस गंठबंधन को नाम दिया गया है : पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गंठबंधन. इसका मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत का तीव्र विकास और इसके लिए केंद्र सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाना है.

कल इस गंठबंठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो, सिक्किम के मुख्यमंत्रीपवनकुमार चामलिंग व अरुणाचल के मुख्यमंत्री कखिलो पुल शामिल हुए. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, मेघालयके मुख्यमंत्री मुकुल संगमा व मणिपुर केमुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए. ये राज्य भाजपा विरोधी दलों द्वारा शासित है. त्रिपुरा में माकपा के मुख्यमंत्री हैं, जबकि मेघालय व मणिपुर में कांग्रेस की सरकार है.

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