बाटला एनकाउंटर पर दिग्विजय के ‘बड़बोले” दावों से कांग्रेस ने किया किनारा, पाटिल व स्वामी ने उठाये सवाल
नयीदिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कहा हैकिबटलाहाउस एनकाउंटर फर्जी नहीं था. उन्होंने कहा कि बटला हाउस एनकाउंटर पर उनको कभी शक नहीं था,क्योंकियह एक सहीकार्रवाई थी.पाटिलने उस एनकाउंटरपर सवाल उठाने को पूरीतरह से गलत बताया. ध्यानरहेकि यहएनकाउंटरशिवराज पाटिल के कार्यकालमें ही हुआ थाऔर इसपरकांग्रेसमहासचिवदिग्विजयसिंह सहित कुछ दूसरे कांग्रेस […]
नयीदिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कहा हैकिबटलाहाउस एनकाउंटर फर्जी नहीं था. उन्होंने कहा कि बटला हाउस एनकाउंटर पर उनको कभी शक नहीं था,क्योंकियह एक सहीकार्रवाई थी.पाटिलने उस एनकाउंटरपर सवाल उठाने को पूरीतरह से गलत बताया. ध्यानरहेकि यहएनकाउंटरशिवराज पाटिल के कार्यकालमें ही हुआ थाऔर इसपरकांग्रेसमहासचिवदिग्विजयसिंह सहित कुछ दूसरे कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया था, उन्होंने इसकीन्यायिकजांच की मांग भी की थी. उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व में भी कहा था कि बाटला हाउस इनकाउंटर फर्जी नहीं था. शिवराज पाटिल ने इस पर दिग्विजय सिंह द्वारा सवाल उठाये जाने पर कहा कि अगर कोई इस पर कुछ अन्य दावे करता है तो यह उसकी जिम्मेवारी है कि वह उसे प्रमाणित करे.
उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने दिग्विजय सिंह द्वारा बाटला हाउस पर गुमराह करने वाला भाषण देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एनआइए जांच की मांग की है. स्वामी ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि कांग्रेस नेता जानबूझ कर क्यों और किसके शह पर देश को भटका रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को अपने खिलाफ एनआइए जांच की सहमति देनी चाहिए. दिग्विजय ने कल इस बात को फिर दोहराया था कि मेरा स्टैंड क्लियर हैं, बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी था.
कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के बयानों से किनारा कर लिया है. पार्टी ने कहा है कि हम दिग्विजय जी का सम्मान करते हैं लेकिन बाटाला हाउस पर तत्कालीन सरकार व पार्टी ने यह निर्णय तथ्यों के आधार पर लिया था, जिसे NHRC व कोर्ट ने स्वीकृति दी थी.
क्या हुआ था बाटला हाउस एनकाउंटर में?
दिल्ली के जामिया नगर इलाके में ऑपरेशन बाटला हाउस हुआ था, जिसे बाटला हाउस एनकाउंटर के नाम से जाना जाता है. यह ऑपरेशन 19 सितंबर, 2008 को हुआ था, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गये थे. वहीं, दो भागने में सफल हो गये थे. इसमें पुलिस इंसपेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गये थे. इसका जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों व शिक्षकों के एक वर्ग, सपा, बसपा सहित कांग्रेस के एक धड़े ने विरोध किया था और न्यायिक जांच की मांग उठायी थी.