जब ससुराल वालों से राजीव की बातचीत के कारण असहज स्थिति में पड़ गया नौकरशाह

नयीदिल्ली : बात 80 के दशक की है, तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी और एक दिन उनके बेटे राजीव गांधी एक नये नौसैनिक पोत के बारे में अपने ससुराल वालों को इतना विस्तार से बताने लगे कि एक नौकरशाह के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी क्योंकि उन्हें उसी रात एक अन्य आधिकारिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2016 3:17 PM

नयीदिल्ली : बात 80 के दशक की है, तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी और एक दिन उनके बेटे राजीव गांधी एक नये नौसैनिक पोत के बारे में अपने ससुराल वालों को इतना विस्तार से बताने लगे कि एक नौकरशाह के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी क्योंकि उन्हें उसी रात एक अन्य आधिकारिक कार्यक्रम में देर से पहुंचने का भय सताने लगा. सौभाग्यवश राजीव ने नौसैनिक पोत के बारे में जानकारी देने का काम पूरा कर लिया और तत्कालीन रक्षा मंत्री शिवराज पाटिल के विशेष सहायक अशोक पाण्डेय इंदिरा और मंत्री के साथ नौसैन्य अधिकारियों के साथ रात्रि भोज में शामिल होने में सफल रहे.

युवा आइएएस अधिकारी केरूप में असम और मेघालय में काम करने वाले पाण्डेय ने केंद्र और बिहार में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. उन्होंने ‘फ्रॉम इंसाइड द स्टील फ्रेम’ शीर्षक पुस्तक लिखी है. इस पुस्तक में भारत के बदलते स्वरूप, जिलों, राज्यों की राजधानियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं एवं दिल्ली की सत्ता की सियासत की दास्तां देखने को मिलती है.

Next Article

Exit mobile version