दूसरे इतालवी मरीन को भी स्वदेश जाने की अनुमति, पी विजयन ने जतायी आपत्ति
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायलय ने वर्ष 2012 में केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या करने के आरोपी दो इतालवी मरीनों में से एक साल्वाटोर जिरोन की जमानत संबंधी शर्तों में आज रियायत दी और भारत एवं इटली के बीच क्षेत्राधिकार के मामले पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसला लेने तक उसे अपने देश […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायलय ने वर्ष 2012 में केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या करने के आरोपी दो इतालवी मरीनों में से एक साल्वाटोर जिरोन की जमानत संबंधी शर्तों में आज रियायत दी और भारत एवं इटली के बीच क्षेत्राधिकार के मामले पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसला लेने तक उसे अपने देश में रहने की अनुमति दी.इतालवी मरीन को स्वेदश जाने पर केंद्रनेआज अदालत में कोई आपत्तिनहींजतायी. इस पर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कड़ी आपत्ति जतायी है. विजयन ने कहा है कि इस मुद्दे पर केंद्र का स्टैंड अस्वीकार्य है. ध्यान रहे कि इतालवी मरीनों पर केरल के दो मछुआरे की हत्या का आरोप है.
एक अन्य इतावली मरीन मैसिमिलियानो लाटोर स्वास्थ्य संबंधी कारणों के आधार पर पहले ही इटली में है और न्यायालय ने वहां उसके रहने की तिथि इस वर्ष 30 सितंबर तक के लिए हाल मेंबढ़ा दी थी.
Don't agree with Centre's stand in Italian Marines case, Marines should be tried in India:Kerala CM Pinarayi Vijayan pic.twitter.com/hTiJlHlEt0
— ANI (@ANI) May 26, 2016
न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन पीठ ने यहां इतालवी राजदूत से एक नया वादा मांगते हुए कहा कि यदि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (आइएटी) क्षेत्राधिकार के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाता है तो मरीन को एक माह में वापस लाने की जिम्मेदारी उनकी होगी.
केंद्र ने न्यायालय को बताया कि उसे मरीन की जमानत शर्त में ढील दिए जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. इटली के दो मरीनों पर केरल के भारतीय मछुआरे की हत्या का आरोप है. उन्होंने केरल तट 15 फरवरी 2012 को भारतीय मछुआरे 25 वर्षीय अजेश बिंकी और 45 वर्षीय गैलिस्टीन की हत्या की.
Since he'll remain under jurisdiction of SC, it was decided that he can go: Lawyer on Italian Marine's bail case pic.twitter.com/xgKPhpcFol
— ANI (@ANI) May 26, 2016