हरियाणा में जाट आरक्षण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
चंडीगढ़ : हरियाणा में जाट और 5 अन्य समुदायों को आरक्षण देने के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 21 जुलाई को तय की गई है और हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा गया है. हाईकोर्ट की इस रोक से सरकार को बड़ा झटका […]
चंडीगढ़ : हरियाणा में जाट और 5 अन्य समुदायों को आरक्षण देने के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 21 जुलाई को तय की गई है और हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा गया है. हाईकोर्ट की इस रोक से सरकार को बड़ा झटका लगा है.
Haryana & Punjab HC stayed decision of Haryana Govt in which 10 % reservation was granted to Jat & 5 other communities.
Haryana & Punjab HC stayed decision of Haryana Govt in which 10 % reservation was granted to Jat & 5 other communities.
— ANI (@ANI) May 26, 2016
गौरलतब है कि 29 मार्च को जाट आरक्षण बिल पास किया गया था जिस पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जबाब मांगा है. आरक्षण बिल के तहत हरियाणा में जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला/मुस्लिम जाट को पिछड़ा वर्ग की नई कैटेगरी बीसी(सी) के तहत आरक्षण का लाभ मिलने का प्रावधान किया गया था.
बिना चर्चा के पास हुआ था जाटों को आरक्षण देने वाला विधेयक
इस साल के शुरुआत में जाट समुदाय के नौ दिन के व्यापक आंदोलन व हिंसा के बाद हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर ने जाटों को आरक्षण देने का एलान किया था. उक्त हिंसक आंदोलन में कम से कम 30 लोग मरे थे और अरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. 28 मार्च को हरियाणा कैबिनेट ने जाट आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी थी और उसे विधानसभा के मौजूदा सत्र में पेश करने का एलान किया गया था. उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
कैबिनेट से मंजूरी के अगले दिन 29 मार्च को विधानसभा में विधेयक पेश किया गया और ऐतिहासिक रूप से बिना चर्चा के बिल पास हो गया.
इस बिल में प्रावधान किया गया था कि बीसी-सी श्रेणी के अंतर्गत आनेवाली जातियों को शैक्षणिक संस्थानों, तृतीय चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10 फीसदी और प्रथम-द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 6 फीसदी आरक्षण दियाजायेगा.इसबिलकेसाथहरियाणापिछड़ाआयोगबिलभीपासहुआथा.