स्वामी की मांग, राष्ट्रहित में राजन को तत्काल बर्खास्त करे सरकार

नयी दिल्ली : भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर एक बार फिर हमला बोला और उनके खिलाफ छह आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें तत्काल इस पद से बर्खास्त करने की मांग की. स्वामी ने आरोप लगाया कि राजन ने ब्याज दरों में बढोतरी कर लघु एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2016 4:23 PM

नयी दिल्ली : भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर एक बार फिर हमला बोला और उनके खिलाफ छह आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें तत्काल इस पद से बर्खास्त करने की मांग की. स्वामी ने आरोप लगाया कि राजन ने ब्याज दरों में बढोतरी कर लघु एवं मझोले उद्योगों को नुकसान पहुंचाया. स्वामी ने कहा कि गवर्नर को ब्याज दर बढाने और उसे ऊंचा रखने के नतीजों के बारे में समझना चाहिए थे .

उन्होंने कहा कि उनकी यह नीति जानबूझकर थी, इसके पीछे मंशा राष्ट्र विरोधी थी. उन्होंने ने यह दावा भी किया कि राजन शिकॉगो विश्वविद्यालय के अपने ईमेल आईडी के जरिये गोपनीय व संवेदनशील वित्तीय सूचनाएं भेजते रहे हैं जो असुरक्षित है. इसके अलावा वह सार्वजनिक तौर पर भाजपा सरकार का अपमान करते रहे हैं.
स्वामी ने कहा कि उन्होंने रिजर्व बैंक गवर्नर पर जो छह आरोप लगाए हैं, वे प्रथम दृष्टया सही हैं. ऐसे में राष्ट्र हित में राजन को तत्काल बर्खास्त किए जाने की जरूरत है. मोदी को एक पखवाडे में लिखे दूसरे पत्र में स्वामी ने आरोप लगाया कि एक संवेदनशील तथा काफी ऊंचे सरकारी पद पर होने के बावजूद राजन अपने ‘ग्रीन कार्ड’ के नवीकरण के उद्येश्य से लिए बीच बीच में अमेरिका की यात्राएं करते रहे हैं जो नवीनी करण के लिए अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर का पद काफी ऊंचा होता है और इसके लिए देशभक्ति तथा राष्ट्र के प्रति बिना शर्त वाली प्रतिबद्धता की जरूरत होती है.
भाजपा नेता स्वामी ने आरोप लगाया कि राजन अमेरिका के डोमिनेटेड ग्रुप आफ 30 के सदस्य हैं. यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका की प्रभुत्व की स्थिति का बचाव करता है. उन्होंने कहा कि राजन द्वारा ब्याज दरों को ऊंचा रखने पर जोर से घरेलू लघु एवं मझोले उद्योगों में मंदी आई है. इससे न केवल उत्पादन में भारी गिरावट आई है बल्कि बडी संख्या में अर्द्धकुशल श्रमिक बेरोजगार भी हुए हैं.
स्वामी ने इस बात का जिक्र उल्लेख किया कि किस तरह जापान तथा पूर्वी एशिया में संकट की वजह से क्षेत्र में अमेरिका दबदबा कायम हुआ है. ‘‘डॉ राजन का काम करने का तरीका भी इसी तरह का लगता है. वह बेहद ऊंची ब्याज दरों के जरिये लघु एवं मझोले उद्योगों का गला घोंटना चाहते हैं.’ उन्होंने राजन पर ‘गोपनीय और संवेदनशील’ वित्तीय सूचनाएं विभिन्न लोगों को अपने शिकागो विश्वविद्यालय के असुरक्षित निजी मेल के जरिये भेजने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति बडी लापरवाही है.
उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी होने के बावजूद राजन भाजपा सरकार का सार्वजनिक तौर पर अपमान कर चुके हैं. राजन ने कहा, ‘‘राजन ने हमारी सरकार को देश में असहिष्णुता के लिए जिम्मेदार ठहराया. वाशिंगटन में उन्होंने भारत की वृद्धि दर का अपमान करते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था को अर्थव्यवस्था को अंधों में काना राजा कहा था.’ स्वामी ने कहा कि इस तरह का अपमान सरकारी अधिकारियों की निगरानी के नियमों का उल्लंघन है. किसी अधिकारी को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए.

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