शिलांग: पूर्वोत्तर दौरे के क्रम में आज प्रधानमंत्री सुबह मेघालय के एक गांव मॉफलांग पहुंचे. मॉफलांग को एशिया का सबसे साफ-सुथरा गांव माना जाता है. इस गांव में मोदी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनके साथ संगीत का भी लुत्फ उठाया. मोदी ने खासी समुदाय के लोगों संग समय बिताया और उनके वाद्य यंत्र को बजाकर भी आनंद लिया. मोदी ने यहां आम लोगों के साथ चाय की चुस्कियां भी लीं. आज मोदी को यहां कई कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेना है.
गौरतलब है कि कल पूर्वोत्तर को दक्षिण-पूर्व एशिया का ‘‘प्रवेश द्वार’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘एक्ट-ईस्ट’ नीति का सक्रियता से पालन कर रही है और क्षेत्र में बुनियादी संरचना में सुधार के लिए काम कर रही है, लेकिन अभी ‘‘काफी कुछ किया जाना है.’ तीन नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार सभी पूर्वोत्तर राज्यों को रेल नेटवर्क से जोडने और सडक, दूरसंचार, बिजली और जलमार्गों में बुनियादी संरचना को उन्नत बनाने की मंशा रखती है ताकि उन्हें विकसित राज्यों की बराबरी पर लाया जा सके.
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरी सरकार ‘एक्ट-ईस्ट’ नीति का सक्रियता से पालन कर रही है. इस नीति के तहत हमारा मिशन इस क्षेत्र में सडक, रेल, दूरसंचार, बिजली और जलमार्गों में बुनियादी संरचना को उन्नत बनाना है.’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार मानता हूं….काफी कुछ किया जा रहा है. काफी कुछ किया जाना है.’ उन्होंने कहा कि केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद से पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क के विकास के लिए 10,000 करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं और रेल मंत्रालय मौजूदा वर्ष में 5,000 करोड रुपए से ज्यादा खर्च करने की योजना बना रहा है. क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि बेहतर सडक संपर्क, होटल और साफ-सफाई में सुधार कर पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पर्यटक सर्किट विकसित करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘स्वदेश दर्शन’ नाम की एक नई योजना शुरु की है जिसके तहत देश में पर्यटक सर्किट विकसित किए जा रहे हैं और ऐसा एक सर्किट पूर्वोत्तर में प्रस्तावित है.