हरियाणा : आरक्षण के लिए जाटों का पांच जून तक का अल्टीमेटम, आठ जिले में 144 लागू
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट द्वारा जाट आरक्षण पर रोक लगाये जाने के बाद अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को पांच जून तक का अल्टीमेटम दिया है. अगर इस अवधि तक उनकेसमुदायके आरक्षण को हरी झंडी नहीं मिली तो वे एक बार फिर उग्र आंदोलन करेंगे. समिति की इस चेतावनी के […]
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट द्वारा जाट आरक्षण पर रोक लगाये जाने के बाद अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को पांच जून तक का अल्टीमेटम दिया है. अगर इस अवधि तक उनकेसमुदायके आरक्षण को हरी झंडी नहीं मिली तो वे एक बार फिर उग्र आंदोलन करेंगे. समिति की इस चेतावनी के बाद राज्य के आठ जिलों में धारा 144 लागू कर दी गयी है और सुरक्षा बलों को संवेदनशील स्थलों पर तैनात कर दिया है. उधर, हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटाने को तैयार है.
हरियाणाके सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद, फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थलों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. मुनक नहर, रोहतक व सोनीपत में सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गयी है. ध्यान रहे कि पिछली बार मुनक नहर से पानी की आपूर्ति रोक दी गयी थी.
जाट आरक्षण की मांग को लेकर हुए पिछले आंदोलन में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गयी थी और दर्जनाें लोग घायल हुए थे. जबकि सैकड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे. हालांकि उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से रैली आयोजन करने की बात कही, लेकिन यह भी कहा है कि अगर पुलिस हिंसक रास्ता अख्तियार करेगी तो आंदोलनकारी अपना फैसला करने के लिए स्वतंत्र हैं.