संघीय मोर्चा पहले से ‘जांचा, परखा और विफल” मोर्चा है : नायडू
हैदराबाद : संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के केंद्र में सत्तारुढ़ राजग के विकल्प के तौर पर संघीय मोर्चा का प्रस्ताव ‘जांचा, परखा और विफल’ मोर्चा है. वेंकैया नायडू ने पीटीआई भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘सबसे पहले हम देख रहे […]
हैदराबाद : संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के केंद्र में सत्तारुढ़ राजग के विकल्प के तौर पर संघीय मोर्चा का प्रस्ताव ‘जांचा, परखा और विफल’ मोर्चा है. वेंकैया नायडू ने पीटीआई भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘सबसे पहले हम देख रहे हैं कि बिहार में क्या हो रहा है. एक बार फिर बिहार में ‘जंगल राज’ लौट आया है. चारो ओर आलोचना हो रही है. इनमें से किसी नेता का राज्य के बाहर प्रभाव नहीं है. यह संघीय मोर्चा जांचा, परखा और विफल मोर्चा है.
वेंकैया नायडू से यह पूछा गया था कि क्या वह 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को एक वैकल्पिक नेता के तौर पर देखते हैं जिन्होंने सभी गैर भाजपा दलों को एक साथ आने का आह्वान किया है. उन्होंने कल कहा कि भाजपा के विकल्प के रूप में पेश मोर्चे में अंतर्निहित विरोधाभास हैं.
पीएम मोदी को नहीं है कोई विकल्प
केंद्रीय मंत्री ने कहा,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है. जिस तथाकथित विकल्प की वे बात करते हैं, उसमें कई लोग हैं जो प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं. लेकिन कोई रिक्ति नहीं है. दूसरी बात यह है कि यह मोर्चो का परीक्षण है और विरोधाभासों से भरा है.
अब पूरे भारत में भाजपा की उपस्थिति दर्ज
वेंकैया नायडू ने कहा कि भाजपा ने भारतीय राजनीति के केंद्र से कांग्रेस को हटा दिया है और अब पूरे भारत में उपस्थिति दर्ज हो गयी है. उन्होंने कहाकि हम न केवल एक राष्ट्रवादी पार्टी हैं बल्कि अब हम वास्तविक रूप से एक राष्ट्रीय पार्टी हो गये हैं.
भाजपा का ध्यान विकास व सुशासन पर
भाजपा में कुछ नेताओं के विवादास्पद बयानों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में पार्टी के आधिकारिक रुख को देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा का ध्यान विकास और सुशासन पर है. वेंकैया ने कहा, कुछ लोग यहां और वहां कुछ बातें कहते रहते हैं. यह लोकतंत्र है. लेकिन आपको पार्टी के आधिकारिक रुख को देखना चाहिए. यह देखना चाहिए कि सरकार का आधिकारिक रुख क्या है. प्रधानमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में हमें स्पष्ट रुप से बताया है कि हमारा ध्यान विकास और सुशासन पर है.