पुलगांव (महाराष्ट्र) : सेना के पुलगांव डिपो में लगी आग में मृतकों की संख्या 18 पहुंच चुकी है. मामले की जांच सेना ने शुरू कर दिए हैं. रक्षामंत्रालय के निर्देश के बाद जांच टीम आयुध डिपो पहुंच चुकी है. पुलगांव डिपो में लगी भीषण आग में सेना के दो अधिकारियों समेत 18 लोगों की मौत हुई है. पुलगांव स्थित केंद्रीय आयुध डिपो में आग और विस्फोट इतने भीषण थे कि सात पीडितों के शवों के चीथडे उड गए थे.
एशिया के सबसे बडे आयुध डिपो में से एक, महाराष्ट्र के वर्द्धा जिले के पुलगांव में स्थित केंद्रीय आयुध डिपो में मंगलवार को विस्फोट होने और आग लगने से अबतक 18 लोग मारे गए हैं. मृतकों में 13 दमकल कर्मी, 2 सैन्य अधिकारी और एक जवान शामिल हैं.
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने (नाम न बताने की शर्त पर) बताया कि मृतकों में से सात के शवों के चीथडे उड गए. उनके शरीर के अंगों को घटना स्थल से बाद में बरामद किया गया. विस्फोट इतना भीषण था कि ये पीडित पहले तो हवा में उछल गए और फिर उनके शरीर के कई टुकडे हो गए. अधिकारी ने बताया कि सभी 16 पीडितों ने मौके पर ही दम तोड दिया. इस अग्निकांड में 17 लोग घायल भी हुए हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है.
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि जिले के पुलगांव में केंद्रीय आयुध भंडार में लगी आग किसी साजिश का नतीजा नहीं है, लेकिन आग लगने के सही कारण का पता जांच के बाद ही चलेगा. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम किसी भी तरह की संभावना को खारिज नहीं कर रहे, लेकिन इस तरह की कोई साजिश नहीं है. रक्षा मंत्री ने कहा कि समय रहते सभी संबंधित लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया और घटना की पूरी जांच से ही कारण का पता चलेगा. उन्होंने कहा कि कारण को लेकर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी.
पर्रिकर ने बताया कि आग में 130 टन टैंक रोधी सामग्री नष्ट हो गई. हालांकि मंत्री ने कहा कि आग को बुझाने की कोशिश करते हुए जान गंवाने वाले 16 लोगों ने नौ दूसरे शेड में रखा गोलाबारुद बचा लिया. आपको बता दें कि पुलगांव का आयुध भंडार एशिया के सबसे बडे आयुध भंडारों में से एक है और यहां पूरे देश में हथियारों का सबसे बडा जखीरा रखा है. करीब 7000 एकड के इलाके में फैले इस आयुध डिपो के एक शेड में सोमवार आधी रात के बाद तकरीबन एक बजे आग लगी. इस शेड में अति संवेदनशील गोलाबारुद रखा था.