गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार: जकिया जाफरी ने कहा, अभी आधा न्याय मिला है आगे लड़ती रहूंगी
अहमदाबाद : गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में आज कोर्ट ने 14 साल बात फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 24 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि 36 आरोपियों को बरी कर दिया है. फैसला आने के बाद गुलबर्ग सोसायटी में मारे गए एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने कहा कि मुझे अभी आधा न्याय […]
अहमदाबाद : गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में आज कोर्ट ने 14 साल बात फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 24 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि 36 आरोपियों को बरी कर दिया है. फैसला आने के बाद गुलबर्ग सोसायटी में मारे गए एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने कहा कि मुझे अभी आधा न्याय ही मिला है.
फैसले से नाराज जाकिया ने कहा कि जबतक जान में जान है लड़ती रहूंगी. मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं 36 लोगों के छूटने पर दुखी. कोर्ट से सबूत के आभाव में उन्हें बरी किया है लेकिन मैं उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगी. मामले को लेकर मैं अपने वकील से सलाह लूंगी.
उल्लेखनीय है कि अहसान जाफरी मूल रूप से मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के रहने वाले थे. इमरजेंसी के बाद जो लोकसभा चुनाव हुआ उसमें वे सांसद के रुप में चुने गए थे. हत्याकांड से पहले अहमदाबाद के पुलिस कमिशनर ने गुलबर्ग सोसाइटी पहुंचकर पूर्व सांसद जाफरी से मुलाकात की थी और उनके परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की पेशकश की थी लेकिन सोसाइटी के दूसरे लोग भी जाफरी के घर आकर एकत्रित हो गए थे. इसलिए जाफरी ने उन लोगों को छोड़कर जाने से इनकार कर दिया था. यह जानकारी उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने कोर्ट में अपने बयान के दौरान दी थी.
कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए 11 लोगों को 302 के दायरे में रखा है जबकि बाकी को हत्या के दोष से नीचे रखा है. आपको बता दें कि 8 फरवरी 2002 को हजारों की हिंसक भीड़ गुलबर्ग सोसायटी में घुस गई और मारकाट मचा दिया था जिसकी गवाह खुद जकिया जाफरी हैं. इस हमले में 69 लोगों की हत्या कर दी गई थी जिसमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री भी थे.
इस मामले की सुनवाई सितंबर 2009 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई शुरू हुई थी और मामले की जांच भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में गठित एसआईटी ने शुरू की थी. इस हिंसा के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से भी एसआईटी ने पूछताछ की थी हालांकि उनकी रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिट दे दी गई थी.