मुंबई/नयी दिल्ली : महाराष्ट्र के ‘बड़बोले’ राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे बुरी तरह घिर गये हैं. दाउद इब्राहिम से फोन पर बातचीत का आरोप उन पर पिछले महीने लगा था, अब उन पर जमीन घोटाले का आरोप लगा है और कहा जा रहा है कि उन्होंने राजस्व मंत्री के पद का बेजा लाभ लेते हुएगलत स्टांप ड्यूटी देकरजमीन अपनेपरिवार केनामकरवाया है.शाम में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस अमित शाह से मिलने पहुंचे. दाेनों नेताओं के बीच एकनाथ खडसे के मुद्दे पर चर्चा हुई. एकनाथ खडसे पर देवेंद्र फडणवीस ने अमित शाह कोएक रिपोर्टभी सौंपी.फडवणवीस ने इस मामले में कहा है कि पार्टी खडसे पर उचित कार्रवाई तय करेगी.
इससे पहले आज सुबहभाजपा सांसद और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने कहा कि खडसे संदेह के बादल से घिरे हैं, पार्टी निश्चित रूप से जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. उधर, भाजपा के बड़े नेता व महासचिव राम माधव ने कहा है कि खडसे के मामले में संबंधित लोग विचार कर रहे हैं. संभावना यह भी है कि खडसे को एक बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने प्रत्यक्ष रूप से अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा.
इधर जमीन घोटाले में लग रहे अरोपों पर एकनाथ खडसे ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि पार्टी का जो आदेश होगा वो मैं करूंगा. इस मामले में कोई भी गलत काम नहीं हुआ है. अगर किसी के पास कोई भी सबूत है तो सामने लाये.
शिवसेना ने भी इस पूरे विवाद पर मुंह खोला है. पार्टी ने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस की छवि साफ-सुथरी है, ऐसे में अगर किसी मंत्री पर कोई आरोप लगता है कि इससे हमारी छवि भी दाव पर लग जायेगी.
मालूम हो किएकनाथ खडसे पर लगे पुणे जमीन घोटाले के आराेपों को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व महाराष्ट्र भाजपा से रिपोर्ट मांगी थी. इस संबंध में पार्टी महासचिववमहाराष्ट्र प्रभारी सरोज पांडेय ने तीन दिन पहले खडसे से भेंट कर उनका पक्ष पूछा था. साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस पूरी बातचीत का ब्यौरा फोन पर सुनाया गया.
With new facts out,Eknath Khadse is under cloud of suspicion,sure party will take decision soon-Satyapal Singh,BJP pic.twitter.com/BDbc5Pk8Iq
— ANI (@ANI) June 2, 2016
खडसे पर लगे आरोपों से संघ असहज
एकनाथ खडसे के पास अंडरवर्ल्ड डाॅन दाउद इब्राहिम का फोन आने का आरोप आम आदमी पार्टी की नेता अंजलि दमानिया ने लगाया था और इस्तीफे की मांग की थी.वे एकनाथ खडसे के इस्तीफे या बरखास्तगी को लेकर अनशन भी कर रही हैं.इस पर खडसे से इनकार कियाथा. इस मुद्दे पर उनका विवादस्पद बयान आया था कि बड़ा आदमी हूं, इसलिए ऐसे आरोप लग रहे हैं. वे महाराष्ट्र में भाजपा को विजय मिलने के बाद खुद को राज्य का मुख्यमंत्री के रूप में देखते थे और 40 सालके राजनीतिक अनुभव का हवाला दिया था, लेकिन संगठन ने कसौटियों पर उनसे बेहतर 44 वर्षीय देवेंद्र फडणवीस को बेहतर मानाथाऔर मुख्यमंत्री बनाया.उनपरहालमें लग रहे आरोपों से भाजपा का पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसंघ असहज है. संघ विचारक राकेश सिन्हा ने कहा है कि राजनीति में पारदर्शिता व ईमानदारी के दोहरे मानदंड नहीं होने चाहिए, अत: एकनाथ खडसे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. संघ को लगता है कि खडसे पर लगे आरोप से पूरे संघ परिवार की छवि खराब होगी, इसलिए उनकी विदाई होनी ही चाहिए.
एकनाथ खड़से को इस्तीफा दे देना चाहिए। राजनीती में पारदर्शिता और ईमानदारी पर दोहरा मापदंड नहीं हो सकता है।
— Prof Rakesh Sinha MP (@RakeshSinha01) June 1, 2016