खडसे विवाद : मालूम नहीं था जमीन राजनेता को बेची जा रही है : जमीन मालिक

पुणे : महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे जिस जमीन खरीद विवाद में पूरी तरह फंस गये हैं उसके नौ में से एक मालिक अब्बास रसूलभाई उकानी ने कहा कि उसे नहीं पता था कि जमीन किसी राजनेता या राजनेता के रिश्‍तेदार को बेचा जा रहा है. अब्बास का कहना है कि सभी की सहमती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2016 12:39 PM

पुणे : महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे जिस जमीन खरीद विवाद में पूरी तरह फंस गये हैं उसके नौ में से एक मालिक अब्बास रसूलभाई उकानी ने कहा कि उसे नहीं पता था कि जमीन किसी राजनेता या राजनेता के रिश्‍तेदार को बेचा जा रहा है. अब्बास का कहना है कि सभी की सहमती से जमीन बिक्री का पावर ऑफ अटॉर्नी उनके चाचा एमएफ उकानी को दी गयी थी. एमएफ उकानी कोलकाता में रहते हैं. उन्होंने ही यह जमीन जो पुणे के भोसारी में है एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी के नाम बेच दी.तीन एकड़ जमीन की कीमत 65 करोड़ से उपर बतायी जा रही है, जबकि खडसे के परिवारवालों ने इस महज 3 करोड़ 75 लाख रुपये में खरीद लिया.

लेकिन 3.75 करोड़ में खरीदी गयी इस जमीन के लिए स्टांप ड्यूटी के तौर पर 1.37 करोड़ रुपये चुकाये गये. कायदे से इतना स्टांप ड्यूटी 31.01 करोड़ रुपये के जमीन के लिए चुकाया जाना चाहिए. अब्बास ने कहा कि चूकि उनलोगों ने जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी एम एफ उकानी को दे दिया था. इसलिए वे जमीन किसी विधायक, मंत्री या उनके रिश्‍तेदार को बेचें उन्हें कोई मतलब नहीं था. उन्हें अपने हिस्से का पैसा मिल गया. खडसे के परिवार की ओर से जो 3.75 करोड़ रुपये अदा किये गये उसमें से अब्बास को 1.75 करोड़ रुपये, एमएफ उकानी को 60 लाख रुपये और बाकी बचे पैसे 7 और मालिकों में बराबर-बराबर बांट दिये गये.

जमीन खरीद विवाद

यह जमीन खरीद उस समय विवादों में घिर गयी जब एमआईडीसी (महाराष्‍ट्र इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कार्पोरेशन) ने कहा कि इस जमीन का 1971 में ही अधिग्रहण कर लिया गया है. ऐसे में कोई और इस जमीन को नहीं खरीद सकता है. एमआईडीसी का आरोप है कि राजस्व मंत्री खडसे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एमआईडीसी के अधिकार क्षेत्र में घुसकर इस जमीन की डील करवायी है. मंत्री इस जमीन के एवज में 65 करोड़ रुपये का मुआवजा चाह रहे थे. दूसरी ओर इस संबंध में एक ठेकेदार हेमंत गावंडे ने बंडगार्डन पुलिस में राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी खडसे व दामाद गिरीष चौधरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि भोसारी में एमआईडीसी स्थित तीन एकड़ जमीन पद का दुरुपयोग कर मात्र 3 करोड़ 75 लाख में खडसे ने पत्नी और दामाद के नाम पर खरीदी. बाजार भाव के हिसाब से कम कीमत पर यह जमीन खरीदी गई है. एकनाथ खडसे ने रविवार को पुणे में भोसरी स्थित एमआयडीसी की जमीन रेडीरेकनर व स्टाम्प ड्यूटी भरकर नियमानुसार खरीदी करने की जानकारी दी थी.

एकनाथ खडसे की सफाई

एकनाथ खडसे ने कहा कि उन्होंने इस जमीन खरीद में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया है और नाहीं अपने पद का दुरुपयोग किया है. खडसे ने कहा कि एमआईडीसी ने पिछले 40 वर्षों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं की है. इस कारण जमीन पर उनका कोई हक नहीं है. खडसे ने जमीन खरीदने की बात स्वीकार की है. यह जमीन इसी साल 28 अप्रैल को खरीदी गयी है. इस जमीन मामले के अलावे खडसे पर दाउद के सहयोगियों के साथ फोन पर बातचीत का भी आरोप लगा है. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है. खडसे को उनके पैतृक जिले जलगांव में बिना बत्ती वाले कार में घुमते हुए भी देखा गया है, जिसके बाद तमाम प्रकार की अटकलें लगायी जा रही हैं.

खडसे के खिलाफ भाजपा सख्‍त, जल्द ही हो सकती है कार्रवाई

मंत्री एकनाथ खडसे के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है क्योंकि राज्य मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और कहा कि इस मामले में पार्टी ‘उपयुक्त कार्रवाई’ करेगी. बाद में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि खडसे के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि कार्रवाई आने वाले समय में हो सकती है. अमित शाह से मुलाकात के बाद फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने मामले पर तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी है जो हाल में सामने आई है. हमने उन पर चर्चा भी की है. पार्टी निर्णय करेगी कि आगे क्या करना हैं.’ महाराष्ट्र के इस वरिष्ठ मंत्री ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इंकार किया है. इस बीच, खडसे के लिए उस वक्त और मुश्किल पैदा हो गई जब एक चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन कर दिया जिसमें एक पुलिस अधिकारी दावा कर रहा है कि खडसे ने व्हिसल ब्लोवर हेमंत गवांदे के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए दबाव बनाया.

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