नयीदिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआइए: प्रमुख शरद कुमार के उस बयान पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पैदा हो गया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि पठानकोट हमले को अंजाम देने के लिए जैश-ए-मोहम्मद की मदद में अब तक पाकिस्तान सरकार या इसकी किसी एजेंसी का कोई हाथ नहीं है. कुमार के बयान पर विवाद के बाद भारत ने साफ किया है कि पठानकोट हमले में पाकिस्तानी नागरिकों का शामिल होना ‘‘एक स्वीकारा जा चुका तथ्य है.’ अपने प्रमुख के बयान से एनआइए ने भले ही कदम खींच लिए हों, लेकिन पाकिस्तान ने कुमार के बयान का अपने पक्ष में इस्तेमाल करते हुए कहा है कि एनआइए के महानिदेशक ने जो कुछ भी कहा है वह लंबे समय से किए जा रहे उसके दावे पर मुहर है. कुमार की ओर से एक टीवी न्यूज चैनल को कथित तौर पर दिए गए एक लिखित इंटरव्यू से ये पूरा विवादशुरू हुआ. इस कथित इंटरव्यू में कुमार ने कहा था, ‘‘नहीं. अब तक यह दिखाने का कोई सबूत नहीं है कि पाकिस्तान सरकार या पाकिस्तान सरकार की किसी एजेंसी ने पठानकोट हमले को अंजाम देने में जैश-ए-मोहम्मद या मसूद अजहर या उसके साथियों की मदद की.’
बाद में एनआइए ने एक बयान जारी करके कहा कि पठानकोट हमले के सिलसिले में एजेंसी के महानिदेशक के हवाले से जो कुछ भी कहा गया है उसका ‘‘जोरदार खंडन किया जाता है.’ एजेंसी ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. विदेश मंत्रालय ने आज इस विवाद पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि एनआइए के महानिदेशक ने पहले ही बयान जारी कर दिया और सरकार का मत ये है कि ‘‘पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में पाकिस्तानी नागरिकों का शामिल होना एक स्वीकार किया हुआ तथ्य है.’