जाट आंदोलन का दूसरा दिन आज, दिल्ली समेत 14 राज्यों में होगा धरना
चंड़ीगढ़ : तकरीबन तीन महीने पहले जाटों के हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गयी थी. अब जाट फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आज आंदोलन का दूसरा दिन है. दिल्ली और यूपी समेत 13 राज्यों में धरना दिया जायेगा. दिल्ली से सटे कई इलाकों में धारा 144 लागू […]
चंड़ीगढ़ : तकरीबन तीन महीने पहले जाटों के हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गयी थी. अब जाट फिर आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आज आंदोलन का दूसरा दिन है. दिल्ली और यूपी समेत 13 राज्यों में धरना दिया जायेगा. दिल्ली से सटे कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गयी है. हरियाणा की सरकार भी आंदोलन को लेकर सजग है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.
आंदोलन की शुरुआत कर हरियाणा के जिंद से शुरू हो गयी लेकिन जितनी संख्या में जाटों के जुटने के अनुमान था जाट उससे कम संख्या में आये. फिलहाल यह प्रदर्शन छोटी- छोटी बैठकों तक सीमित रह गया. पिछली बार हुए आंदोलन में मारे गये जाटों को शहीद का दर्जा देने और समुदाय के लोगों पर दर्ज केस वापस लेने, मारे गए जाटों के परिजनों को नौकरी दी जाए. सभी घायलों को भी मुआवजा दिया जाए इन मांगो के साथ अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने साफ कर दिया कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती धरना जारी रहेगा.
पिछले बार की तुलना में इस बार जाटों को समर्थन भी कम मिल रहा है. आंदोलन के पहले दिन लोगों की संख्या कम दिखी. इस बार का प्रदर्शन ‘जाट बेल्ट’ तक सीमित है, जिसमें झज्जर, सोनीपत, रोहतक, पानीपत, हिसार, फतेहाबाद और जींद जैसे जिले शामिल है. सूत्रों की मानें तो ग्रामीण इलाकों में प्रदर्शनकारियों के छोटे-छोटे समूह हैं. अगर पूरे राज्य भार में प्रदर्शनकारियों की संख्या की बात करें तो वो 2000 से ज्यादा नहीं होगी.
जाटों ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर उनकी इन मांगों को नहीं माना गया तो एक बार फिर आंदोलन तेज किया जायेगा. इसके लिए उन्होंने 15 जून तक का समय दिया है. अगर तय वक्त तक इन पर कोई विचार नहीं किया गया तो, दिल्ली पर चढ़ाई की जाएगी. दूसरी तरफ राज्य और केंद्र सरकार दोनों कमर कसकर तैयार है. हरियाणा के कई शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार की ओर से मंजूर जाट आरक्षण की अधिसूचना पर रोक लगा रखी है.