नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2014 में डेनमार्क की 52 वर्षीय एक महिला के सामूहिक बलात्कार, अपहरण और लूटपाट के लिए आज पांच लोगों को दोषी ठहराया. आदेश सुनाने के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने इस मामले में सजा की मात्रा से जुडी दलीलों की सुनवाई के लिए नौ जून की तारीख तय कर दी. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सभी आरोपियों को सभी अपराधों के लिए दोषी करार दिया जाता है.’ न्यायाधीश ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार), 395 (डकैती), 366 (अपहरण), 342 (गलत ढंग से बंदी बनाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (साझा इरादा) के तहत दोषी करार दिया.
दोषी- महेंद्र उर्फ गंजा (27), मोहम्मद रजा (23), राजू (24), अर्जुन (22), राजू चक्का (23) अदालत में मौजूद थे. अभियोजन पक्ष के अनुसार, इन पांचों व्यक्तियों ने 14 जनवरी 2014 की रात को डेनमार्क की पर्यटक महिला से चाकू दिखा कर सामूहिक बलात्कार किया था और उसके साथ लूटपाट की थी। इसके बाद ये लोग उस महिला को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास मंडलीय रेलवे अधिकारियों के क्लब के करीब एक सुनसान इलाके में ले गए.
सुनवाई के दौरान, अदालत को बताया गया कि बचाव पक्ष ने अदालत के उस पिछले आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत उसने छठे आरोपी श्यामलाल के पौरुष से जुडे मामले में गवाह बने कुछ डॉक्टरों से जिरह करने की याचिका खारिज कर दी थी। 56 वर्षीय श्यामलाल की मौत इस साल फरवरी में हो गई थी. हालांकि अदालत ने कहा कि आवेदन में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि इस अदालत की कार्यवाहियों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी. मामले के तीन अन्य आरोपी किशोर हैं और उनके खिलाफ जांच किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष जारी है. अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 27 गवाहों से जिरह की थी जबकि दोषियों ने कोई भी साक्ष्य पेश न करने का फैसला किया था. दोषियों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया था कि 14 जनवरी 2014 की घटना से एक दिन पहले उन्होंने एक यौनकर्मी को पैसे देकर बुलाया और उसके साथ यौन संबंध बनाए थे.