नयी दिल्ली : भारत और ईरान के बीच पिछले दिनों हुए चाबहार डील से चीन का गहरा झटका लगा है और इस झटके से चाइना अब तक उबर नहीं पाया है. ये कहना है चीनी मीडिया का. चीनी मीडिया ने कहा है कि चाहबार डील चीन और पाकिस्तान को भारत का तगड़ा जवाब है.
सरकारी चीनी मीडिया ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि ग्वादर बंदरगाह को लेकर पाकिस्तान और चीन का जवाब है चाबहार समझौता. रिपोर्ट में कहा गया है किचाबहारसमझौता भारत के लिए महत्वकांक्षाओं का छोटा हिस्सा भर है. दरअसल भारत पश्चिम एशिया और सेंट्रल एशिया में अपनी धाक जमाना चाहता है.
*चाबहारपर थी चीन की नजर
भारत और ईरान के बीच चाबहारसमझौते से चीन को इस लिए बड़ा झटका लगा क्योंकि इसपर चीन की नजर थी. चीन नेचाबहारपोर्ट को विकसित करने की योजना बनायी थी, लेकिन भारत ने चीन की सारी योजना को ध्वस्त करते हुए ईरान के साथचाबहारसमझौता कर लिया. ज्ञात हो इस डील पर चीनी कंपनी चाइना हार्बर इंजिनियरिंग की नजर थी. यही कंपनी ने पाकिस्तान में भी ग्वादर पोर्ट को विकसित करने की कमान संभाली है.
–चाबहारसे भारत को क्या होगा फायदा
*चाबहारदक्षिण पूर्व ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित एक बंदरगाह है. इसके जरिये भारत, पाकिस्तान को बायपास करके अफगानिस्तान के लिए रास्ता बनायेगा.
* इसके जरिये भारतीय सामानों के ट्रांसपोर्ट का खर्च और समय एक तिहाई कम हो जायेगा.
* ईरान मध्य एशिया में व हिंद महासागर के उत्तरी हिस्से में बसे बाजारों तक आवागमन आसान बनाने के लिए इस पोर्ट को एक ट्रांजिट हब के तौर पर विकसित कर सकेगा.
* अरब सागर में पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट के जरिये चीन को सामरिक ठिकाना मुहैया कराया है, लिहाजाचाबहारको विकसित करते ही भारत को समुद्री रास्ते से व्यापार-कारोबार बढ़ाने का मौका मिलेगा.
*चाबहारसे ईरान के मौजूदा रोड नेटवर्क को अफगानिस्तान में जरांज तक जोड़ा जा सकता है. इस हाइवे से कंधार, काबुल, हेरात और मजार-ए-शरीफ जैसे चार बड़े शहरों तक पहुंचना आसान हो जायेगा.