लंदन : गोपनीय दस्तावेजों के खुलासे से न केवल 1984 के दौरान अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार में कथित ब्रिटिश मदद को लेकर विवाद उठा बल्कि बीते 30 बरस के दौरान भारत ब्रिटेन के रिश्तों में आए उतार-चढ़ाव का भी पता चला है.ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कैबिनेट सचिव जेरेमी हेवुड से पूरे मामले की ‘‘तत्काल’’ जांच करने को कहा है. हाल ही में ब्रिटेन के पिछले 30 साल के गोपनीय दस्तावेज जारी हुए हैं जिनमें कहा गया है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान हमला करने के बारे में ब्रिटिश विशेष बलों के एक अधिकारी ने भारत को सलाह दी थी.
सार्वजनिक हुआ एक अन्य गोपनीय दस्तावेज एक पत्र है. यह पत्र तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री सर ज्योफ्रे होव के कार्यालय की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री मारर्ग्रेट थैचर को लिखा गया है. यह पत्र भारत-ब्रिटेन रिश्तों में भारतीय उच्चायुक्त डॉ सईद मोहम्मद के बेहद मामूली योगदान को लेकर है. सर ज्योफ्रे के निजी सचिव पी एफ रिकेट्स ने थैचर के सचिव ए जे कोलेस को 19 जनवरी 1984 को लिखे पत्र में कहा कि सईद मोहम्मद का योगदान ‘‘सीमित’’ है.
रिकेट्स ने लिखा है ‘‘हालांकि भारत ब्रिटेन के रिश्तों के विकास में डॉ मोहम्मद का योगदान सीमित है (और स्वराज पॉल के निजी प्रयास उससे कहीं ज्यादा हैं), पर इस समय लंदन में भारत के साथ रिश्ते बहुत अच्छे हैं.’’ पत्र के बारे में पूछने पर लॉर्ड स्वराज पॉल ने कहा ‘‘मैं क्या कह सकता हूं. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बाने के लिए मैंने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कोशिश की.’’ माना जाता था कि स्वराज पॉल भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीब थे.