CBI का दावा, वीरभद्र और उनके पार्टनर्स के खिलाफ पूरे सबूत

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है कि कैसे पत्नी और बेटे के नाम पर संपत्ति बनायी गयी. वहीं सीबीआई का कहना है कि उनके पत्नी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2016 3:44 PM

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है कि कैसे पत्नी और बेटे के नाम पर संपत्ति बनायी गयी. वहीं सीबीआई का कहना है कि उनके पत्नी और बच्चों के नाम पर गैर-कानूनी तरीके से संपत्ति बनाने के मामले में सीबीआई के पास हिमाचल सीएम और उनके पार्टनर्स के खिलाफ पूरे सबूत हैं. सिंह पर केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि 81 वर्षीय मुख्यमंत्री यहां एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश हुए.

आय से अधिक संपत्ति का मामला

एजेंसी ने कहा है कि उसने जांच शुरू की थी जिसमें कथित तौर पर यह पता चला कि वर्ष 2009 से 2012 तक संप्रग शासन में केंद्रीय मंत्री के रूप में सिंह ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 6.03 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की थी. दिल्ली में विशेष अदालत में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत दर्ज प्राथमिकी में सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान तथा चुन्नी लाल चौहान के नाम शामिल हैं. सिंह ने आरोपों से इनकार किया है.

परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से निवेश

सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में आरोप का ब्योरा देते हुए कहा था कि सिंह ने अपना बेहिसाबी धन कृषि आय के रूप में दर्शाकर एक निजी व्यक्ति के जरिये अपने नाम से, अपनी पत्नी के नाम से तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से जीवन बीमा निगम की पॉलिसीज में निवेश किया. सीबीआई ने कहा था कि यह तीन साल की अवधि के लिए सेब के एक बगीचे की देखरेख के लिए उक्त निजी व्यक्ति :चौहान: के साथ एक सहमति पत्र के जरिये किया गया था. निजी व्यक्ति ने कथित तौर पर अपने बैंक खाते में लगभग पांच करोड़ रुपये जमा किये थे और फिर उसने उनके नामों पर एलआईसी पॉलिसी खरीदने के लिए चेकों के जरिये इस धन को निकाला. इसने कहा था कि सिंह ने कथित तौर पर 2012 में संशोधित आयकर रिटर्न दायर कर इसे कृषि आय के रूप में वैध बनाने का प्रयास किया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अपने संशोधित आयकर रिटर्न में कृषि आय का उनका दावा तर्कसंगत नहीं पाया गया. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने कथित तौर पर आय से अधिक अन्य संपत्तियां अर्जित की थीं.

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