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भारत के NSG में प्रवेश को लेकर चीन ने दिये विरोध के संकेत, लॉबिंग तेज

नयी दिल्ली : कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने न्यूक्लियर्स सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता में समर्थन के लिए अमेरिका का धन्यवाद जताया. इससे पहले स्विटजरलैंड ने भी भारत को समर्थन देने की बात कही थी. एनएसजी में भारत की सदस्यता के खिलाफ चीन ने […]

नयी दिल्ली : कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने न्यूक्लियर्स सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता में समर्थन के लिए अमेरिका का धन्यवाद जताया. इससे पहले स्विटजरलैंड ने भी भारत को समर्थन देने की बात कही थी.

एनएसजी में भारत की सदस्यता के खिलाफ चीन ने आपति जतायी है. चीन का कहना है कि जबतक पाकिस्तान एनएसजी का सदस्य नहीं हो जाता तबतक भारत को एनएसजी की सदस्यता नहीं दी जानी चाहिए. उधर पाकिस्तान की सदस्यता पर ज्यादातर देशों ने आपत्ति जतायी है. कई देशों का कहना है कि पाकिस्तान के वैज्ञानिकों ने उत्तर कोरिया को परमाणु बम बनाने के तरीके बताये थे. इस स्थिति में पाकिस्तान को एनएसजी की सदस्यता नहीं दी जा सकती है.
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड और तुर्की भी कर रहा है. वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे देशों को पत्र लिखकर समर्थन देने की बात कही. हालांकि एनएसजी की सदस्यता के बारे में अंतिम बैठक होना अभी बाकि है.
विरोध करने वाले देशों की अगुवाई कर रहा है चीन
भारत के आवेदन पर विचार करने के लिए एनएसजी की दो दिवसीय बैठक आज ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में शुरू हुई. अमेरिका भारत को एनएसजी की सदस्यता के मुद्दे पर पुरजोर समर्थन दे रहा है. बहरहाल, विएना से आई खबरों में कहा गया कि चीन भारत की सदस्यता का विरोध करने वाले देशों की अगुवाई कर रहा है. बताया जाता है कि तुर्की, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया चीनी रुख का समर्थन कर रहे हैं. इससे पहले, दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर मेक्सिको का समर्थन हासिल हुआ.
अपने अमेरिका दौरे के बाद मोदी मेक्सिको की यात्रा पर गए थे. चीन हमेशा से एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करता रहा है. उसका कहना है कि सिर्फ परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत करने वाले देशों को ही इसमें एनएसजी की सदस्यता मिलनी चाहिए. चीन का ये भी कहना है कि यदि किसी तरह की रियायत देकर भारत को एनएसजी की सदस्यता दी जाती है तो पाकिस्तान को भी इस संगठन की सदस्यता दी जानी चाहिए. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने एक पत्र लिखकर एनएसजी के सदस्य देशों से अपील की है कि इस महीने के अंत में जब सोल में एनएसजी की बैठक हो तो उन्हें ‘‘भारत को शामिल करने पर आम राय कायम करने में बाधा न डालने पर सहमत होना चाहिए.

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