भारत के NSG मेंबरशिप पर अब सोल में होगा विचार, चीन सहित ये छह देश हैं भारत के खिलाफ

भारत का विरोध करने वाले देश चीन, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया विएना : परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत की अर्जी पर दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में इस महीने के अंत में होने वाले एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में विचार किए जाने की संभावना है. विएना में हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2016 11:50 AM


भारत का विरोध करने वाले देश


चीन, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया

विएना : परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत की अर्जी पर दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में इस महीने के अंत में होने वाले एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में विचार किए जाने की संभावना है. विएना में हुई एनएसजी की दो दिवसीय बैठक में इस मुद्दे पर किसी निष्कर्ष पर न पहुंच पाने के बाद यह फैसला किया गया.

अमेरिका भारत की सदस्यता का पुरजोर समर्थन कर रहा है और ज्यादातर सदस्य देश भी समर्थन कर रहे हैं, लेकिन इसका विरोध कर रहे चीन की दलील है कि एनएसजी को नए आवेदकों के लिए विशिष्ट शर्तों में ढील नहीं देनी चाहिए. एनएसजी संवेदनशील परमाणु प्रौद्योगिकी तक पहुंच को नियंत्रित करता है. परमाणु अप्रसार संधि :एनपीटी: पर भारत की ओर से दस्तखत न किए जाने को आधार बनाकर उसकी दावेदारी का विरोध करने वाले कई देशों ने भी अब अपना रुख नरम किया है और अब समझौता करने के लिए तैयार हैं. बहरहाल, चीन अपने रुख पर अड़ा हुआ है. विएना में हुई बैठक में चीन ने सीधे तौर पर तो भारत की सदस्यता का विरोध नहीं किया, लेकिन इसे एनपीटी पर दस्तखत न करने से जोड़ा. एनएसजी आम राय के आधार पर काम करती है और भारत के खिलाफ किसी एक देश का वोट भी उसकी दावेदारी में रोड़े अटका सकता है. 48 देशों के समूह एनएसजी में चीन के अलावा न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया भी भारत की दावेदारी के विरोध में हैं. सोल में 24 जून को एनएसजी का पूर्ण अधिवेशन होने वाला है.

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