राष्ट्रपति ने अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन की प्रशंसा की

नयी दिल्ली: लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने में अन्ना हजारे के नेतृत्व में समाज की भूमिका को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि पहली बार कोई कानून जन सहभागिता के आधार पर तैयार किया गया जो पहले विधायिक के विशिष्ठ अधिकार क्षेत्र में आता था. प्रणब ने कहा, ‘‘भारतीय राजनीति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2014 7:32 PM

नयी दिल्ली: लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने में अन्ना हजारे के नेतृत्व में समाज की भूमिका को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि पहली बार कोई कानून जन सहभागिता के आधार पर तैयार किया गया जो पहले विधायिक के विशिष्ठ अधिकार क्षेत्र में आता था.

प्रणब ने कहा, ‘‘भारतीय राजनीति में पहली बार कानून संघीय या राज्य विधायिका के विशिष्ठ दायरे में नहीं बंधा रहा. समाज के लोगों ने यह प्रदर्शित किया कि वे विधायी प्रक्रिया में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं और संसदीय राजनीति में नया आयाम प्रदान कर सकते हैं.’’ जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय ( जेएनयू ) के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने इस विधेयक के इतिहास एवं बारीकियों का उल्लेख किया.

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