NSG पर चीन के विरोध के बाद पीएम मोदी ने की पुतिन से बात

नयी दिल्ली : पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश यात्रा का केंद्र बिंदू एनएसजी में भारत की सदस्यता था. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर विभिन्न देशों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाते हुए नरेंद्र मोदी ने सीधे रूस के राष्‍ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की. भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2016 11:09 AM

नयी दिल्ली : पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश यात्रा का केंद्र बिंदू एनएसजी में भारत की सदस्यता था. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर विभिन्न देशों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाते हुए नरेंद्र मोदी ने सीधे रूस के राष्‍ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की. भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता से लेकर एनएसजी सदस्य बनने के वैश्विक महत्वाकांक्षा का रूस हमेशा से समर्थक रहा है. लेकीन बार-बार चीन के गतिरोध का सामना भी भारत को करना पड़ रहा है. हालांकि मोदी इस मामले में अमेरिका को अपने पक्ष में करने में सफल रहे हैं.

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका के जोर दिए जाने के वाबजूद चीन ने कहा कि समूह के सदस्य देश गैर एनपीटी राष्ट्रों को इसमें शामिल किए जाने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं. साथ ही, चीन ने इस बात पर जोर दिया है कि वियना बैठक में भारत और अन्य देशों के समूह में शामिल होने को लेकर कोई विचार विमर्श नहीं हुआ.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने पिछले हफ्ते हुई वियना बैठक का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा कि परमाणु हथियार अप्रसार (एनपीटी) संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले भारत या अन्य देशों को एनएसजी में शामिल किए जाने से जुडे किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि एनएसजी चेयर (अध्यक्ष) अर्जेंटीना के राजदूत राफेल मरीयानो ग्रोसी ने नौ जून को 48 सदस्यीय एनएसजी की अनाधिकारिक बैठक बुलाई थी.

उन्होंने बताया कि चेयर ने कहा कि इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं था और यह एनएसजी के दायरे पर सभी पक्षों से विचार सुनने के लिए और एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए आयोजित की गई थी. इस मुद्दे पर राष्‍ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और मोदी जल्द ही मुलाकात कर सकते हैं. पीएम मोदी ताशकंद में एनएसजी अधिवेशन से पहले आनेवाला दिनों में कई बड़ी बैठकें कर सकते हैं. जिनमें उनका शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी संभव है.

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