नयी दिल्ली : जीएसटी विधेयक को पारित करवाने के लिए प्रयासरत नरेंद्र मोदी सरकार को आज इस मुद्दे पर जहां कोलकाता में अधिकार प्राप्त समूह की बैठक में पॉजिटिव रिस्पांस मिला है, वहीं नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास 7आरसीआर पर मिलने पहुंची अन्नाद्रमुक प्रमुख व तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता नेयहसंकेत दिया कि वे जीएसटी के माैजूदास्वरूप मेंकेंद्रसरकार का समर्थन नहीं कर सकती हैं, इसलिए इस विधेयक के मौजूदा स्वरूप में कुछ अहम संशोधन किया जाये. जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे ज्ञापन में कहा किजीएसटीकेपारित होने सेतमिलनाडुजैसे राज्यकीराजकोषीय स्वायत्ता पर असर पड़ेगा और विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी इस राज्य को बड़ा राजस्व नुकसान होगा.
जयललिताका यह कहना मात्र इस बात का संकेत है कि वे इस संविधान संशोधन वाले विधेयक काभाजपा के अल्पमत वाले उच्च सदन राज्यसभा में समर्थन नहीं कर सकती हैं. जयललिता ने मेमोरेंडम में अौर कई बातें उठायी हैं. मेमोरेंडम में कहा गया है कि इस विधेयक पर सरकार को कई बिंदुओं पर व्यापक आम सहमति बनानी चाहिए, जिसमें नुकसान भरपाई अवधि और उसकी प्रक्रिया, रेवेन्यू नेचुरल रेट,फ्लोर रेट, वैसी कमोडिटी जिसे जीएसटी के दायरे में लाना जैसे अहम बिंदु हैं, ताकि राज्यों राजकोषीय स्वायत्ता भी प्रभावित नहीं हो अौर उन्हें स्थायी राजस्व नुकसान भी नहीं हो.
ध्यानरहेकि हाल के राज्यसभा चुनाव में भले ही भाजपाकीसीटों का अंकगणित सुधरा है,लेकिन वहअबभी वहांबहुमतसे दूर है. जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 29 मांगों का मेमोरेंडम भी सौंपा. लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जयललिता की यह पहली मुलाकात है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी आज कोलकाता में जीएसटी पर अधिक प्राप्त समूह की बैठक के बाद कहा कि तमिलनाडु को छोड़ कर बाकी राज्य जीएसटी पर राजी हैं.