बिजली संकट: केजरीवाल सरकार ने अनिल अंबानी को लिखा लेटर, कहा- आकर बैठक करें

नयीदिल्ली : दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ‘अप्रत्याशित’ बिजली कटौती के लिए अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस एडीएजी के स्वामित्व वाली बीएसइएस द्वारा परिचालित स्थानीय बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) पर हमला किया है. सरकार ने उन पर कथित भ्रष्टाचार के साथ साथ ‘खराब’ प्रदर्शन का आरोप लगाया है जिसके कारण दिल्ली में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 9:38 PM

नयीदिल्ली : दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ‘अप्रत्याशित’ बिजली कटौती के लिए अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस एडीएजी के स्वामित्व वाली बीएसइएस द्वारा परिचालित स्थानीय बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) पर हमला किया है. सरकार ने उन पर कथित भ्रष्टाचार के साथ साथ ‘खराब’ प्रदर्शन का आरोप लगाया है जिसके कारण दिल्ली में बिजली का ‘अभूतपूर्व’ संकट है.

दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस बारे में अंबानी को पत्र लिखा है और उनसे बैठक के लिए अगले सप्ताह दिल्ली आने को कहा है. पत्र में आरोप लगाया गया है कि सरकार से कडी चेतावनी मिलने के बाद इन डिस्काम ने आंकडों में ‘हेराफेरी’ शुरू कर दी है ताकि बिजली वितरण में सुधार दिखाया जा सके. ये कंपनियां राष्ट्रीय राजधानी की लगभग 70 प्रतिशत बिजली मांग को पूरा करती हैं. बीएसइएस की इकाइयां बीआरपीएल (बीएसइएस राजधानी पावर लिमिटेड) तथा बीवाइपीएल (बीएसइएस यमुना पावर लिमिटेड) क्रमश: लगभग 12 लाख व 16 लाख ग्राहकों को बिजली आपूर्ति करती है. राष्ट्रीय राजधानी के बिजली क्षेत्र का 2002 में निजीकरण किया गया था.

जैन ने लिखा है,‘ बीएसइएस का प्रदर्शन अब तक खराब रहा है… अपेक्षा थी कि आप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विश्व स्तरीय प्रणाली स्थापित करेंगे और शुल्क दरों में कमी लाएंगे.. लेकिन आप इसमें अब तक विफल रहे हैं. ‘ जैन के अनुसार,‘ आपकी कंपनियों द्वारा धन की हेराफेरी सहित वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं. इनमें से कुछ आरोप तो कैग की मसौदा रपट तथा डीइआरसी के पूर्व आदेशों में भी सामने आए हैं. ‘ उन्होंने कहा है कि बार बार बैठकों तथा बीएसइएस के वरिष्ठ अधिकारियों को चेतावनी के बावजूद बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. ‘ अगर 10 बार कटौती होती है तो आपकी कंपनी की दैनिक रपट में उसे केवल सात दिखाया जाता और तीन को जानबूझकर छुपा लिया जाता है. ‘ पत्र के अनुसार,‘ आपसे आग्रह है कि आप तत्काल आकर अधोहस्ताक्षरकर्ता से बैठक करें ताकि हालात में सुधार के लिए आपकी किसी ठोस योजना पर चर्चा हो. ‘

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