महबूबा ने कहा, नहीं चाहती कि राज्य को उग्रवादी ताकतें हाईजैक कर लें
जम्मू : ‘मानसिक रूप से परेशान’ एक व्यक्ति द्वारा कल शाम जम्मू शहर में एक मंदिर को अपवित्र किए जाने के मद्देनजर शांति की अपील करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि वह नहीं चाहतीं कि राज्य को उग्रवादी ताकतें ‘हाईजैक’ कर लें. महबूबा ने जम्मू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते […]
जम्मू : ‘मानसिक रूप से परेशान’ एक व्यक्ति द्वारा कल शाम जम्मू शहर में एक मंदिर को अपवित्र किए जाने के मद्देनजर शांति की अपील करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि वह नहीं चाहतीं कि राज्य को उग्रवादी ताकतें ‘हाईजैक’ कर लें. महबूबा ने जम्मू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आज कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर सर्वाधिक धर्मनिरपेक्ष स्थान है और मैं नहीं चाहती कि इसे उग्रवादी शक्तियां हाईजैक कर लें.
उन्होंने कहा कि कुछ तत्व क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने पर अडिग हैं लेकिन जम्मू के लोग भले ही उनका कोई भी मजहब हो, उन्हें एकजुट होना चाहिए और ऐसी शक्तियों की घृणित मंशा के खिलाफ लड़नाचाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘‘अलगाववाद और सांप्रदायिकता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और वे आखिरकार समाज और देश को बांटते हैं.’ जम्मू के रूपनगर इलाके में स्थित एक प्राचीन मंदिर को मानसिक रूप से परेशान एक व्यक्ति ने कल अपवित्र कर दिया था. इसके बाद शहर भर में प्रदर्शन हुआ था. समाचार के फैलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने कल रात तीन वाहनों में आग लगा दी और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई थी.
अधिकारियों ने एहतियाती उपाय के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया है. महबूबा ने कहा कि जम्मू के लोगों ने बार-बार अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को दर्शाया है और इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि क्षेत्र ने उन लोगों को शरण दी जो आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों से भागने के दौरान वहां आए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘1990 में जम्मू के लोगों ने उन लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए जो आतंकवाद से बचकर भागे थे और यहां शरण ली थी. जम्मू सांप्रदायिक सौहार्द का हमेशा से चमकता उदाहरण है.’ उन्होंने कहा कि ये जम्मू के लोग थे जिन्होंने 1985 में पहली बार उनके पिता को विधानसभा के लिए चुनकर भेजा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह जम्मू का धर्मनिरपेक्ष चरित्र था, जिसने मेरे पिता और कश्मीर के एक मुसलमान को आरएस पुरा से चुना.’ मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जम्मू क्षेत्र में सांप्रदायिक राजनीति का खतरनाक प्रभाव हो सकता है क्योंकि कश्मीर घाटी में राज्य पहले ही अलगाववाद का सामना कर रहा है.