हार्दिक पटेल के परिवार को नजरबंद किया गया
अहमदाबाद: हार्दिक पटेल के परिवार को नजरबंद कर दिया गया और समुदाय की सात महिलाओं को नारेबाजी करने और उसकी तुरंत रिहाई की मांग करने के लिए आज हिरासत में ले लिया गया. यह कार्रवाई तब हुई जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल जेल में बंद नेता के गृह नगर वीरमगाम में एक सभा को […]
अहमदाबाद: हार्दिक पटेल के परिवार को नजरबंद कर दिया गया और समुदाय की सात महिलाओं को नारेबाजी करने और उसकी तुरंत रिहाई की मांग करने के लिए आज हिरासत में ले लिया गया. यह कार्रवाई तब हुई जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल जेल में बंद नेता के गृह नगर वीरमगाम में एक सभा को संबोधित कर रही थीं.मुख्यमंत्री का कार्यक्रम खत्म होने के बाद महिलाओं को छोड़ दिया गया और हार्दिक के परिवार को रिहा कर दिया गया.वीरमगाम थाने के प्रभारी विश्वराज सिंह जडेजा ने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले एहतियातन हार्दिक के परिवार को आज अपराह्न कार्यक्रम खत्म होने तक नजरबंद रखा गया.
जडेजा ने कहा, ‘‘शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जब भाषण दे रही थीं तो नारेबाजी करने के लिए हमने सात महिलाओं को हिरासत में ले लिया. कार्यक्रम खत्म होने के बाद हमने उन्हें रिहा कर दिया.” उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के दौरे के समय हार्दिक के परिवार को कोई गडबडी पैदा करने से रोकने के लिए हमने उनके पिता (भरतभाई), मां (उषाबेन) और बहन (मोनिका) को नजरबंदर कर दिया. कार्यक्रम खत्म होने के बाद हमने उन्हें रिहा कर दिया.” बहरहाल उनके भाषण के दौरान महिलाओं को नारेबाजी करते देख आनंदीबेन ने कहा कि आरक्षण से समस्या का समाधान नहीं होगा क्योंकि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है.
आनंदीबेन ने कहा, ‘‘आरक्षण कोई समाधान नहीं है. लोग कड़ी मेहनत नहीं करना चाहते और पुलिस अधीक्षक जैसे उच्च रैंकिंग की नौकरी करना चाहते हैं. पहले उन्हें सिपाही जैसी निचली श्रेणी की नौकरी के लिए आवेदन करना चाहिए और फिर कडी मेहनत से उच्च पद पर जाना चाहिए.” महिलाओं और हार्दिक के परिवार के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने आलोचना की है जो पटेलों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही है.