सीबीएसई के दसवीं कक्षा के छात्रों की दक्षता परीक्षा अप्रैल में

नयी दिल्ली : बच्चों की दक्षता, मानसिक कौशल एवं विभिन्न समस्याओं से निपटने की क्षमता के आकलन के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अप्रैल में 10वीं कक्षा के छात्रों की दक्षता परीक्षा ले रही है.बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि अप्रैल 2014 की दक्षता परीक्षा के लिए स्कूल और छात्र 31 जनवरी 2014 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2014 11:00 AM

नयी दिल्ली : बच्चों की दक्षता, मानसिक कौशल एवं विभिन्न समस्याओं से निपटने की क्षमता के आकलन के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अप्रैल में 10वीं कक्षा के छात्रों की दक्षता परीक्षा ले रही है.बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि अप्रैल 2014 की दक्षता परीक्षा के लिए स्कूल और छात्र 31 जनवरी 2014 तक पंजीकरण करा सकते हैं. दक्षता परीक्षा पांच विषयों में ली जायेगी और यह 14 से 18 अप्रैल के बीच आयोजित होगी.

दक्षता परीक्षा (प्रोफिसियेंसी टेस्ट) 10वीं कक्षा में पढ़ाये जाने वाले पांच विषयों अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिन्दी में ली जायेगी. छात्र इन सभी विषयों या अपनी पसंद के विषय में परीक्षा दे सकते हैं. परीक्षा में प्रत्येक विषय में 100 अंकों की परीक्षा ली जायेगी जिसमें वस्तुनिष्ठ सवाल पूछे जायेंगे. छात्रों को ओएमआर शीट पर सही विकल्प को दर्ज करना होगा. इसमें नौवीं एवं 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से प्रश्न होंगे.

14 अप्रैल को अंग्रेजी, 15 अप्रैल को गणित, 16 अप्रैल को विज्ञान, 17 अप्रैल को सामाजिक विज्ञान और 18 अप्रैल को हिन्दी में दक्षता परीक्षा ली जायेगी. अधिकारी ने कहा कि दक्षता परीक्षा में प्रत्येक सही उत्तर के लिए एक अंक दिये जायेंगे जबकि गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंक का प्रावधान है. परीक्षा देने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र दिये जायेंगे जिसमें पर्सेंटाइल रैंक दर्ज होंगे.

परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को शुल्क का भुगतान करना होगा. एक विषय के लिए 300 रुपये, दो विषय के लिए 400 रुपये, तीन विषय के लिए 500 रुपये, चार या पांच विषय के लिए 600 रुपये का शुल्क देय होगा.

हिन्दी एवं अंग्रेजी की परीक्षा में छात्रों की पढ़ने, लिखने की क्षमता और भाषा ज्ञान को परखा जायेगा. विज्ञान में सिद्धांतों एवं अवधारणा का विश्लेषण कर दी गई स्थितियों में अमल करने की क्षमता को परखा जायेगा. गणित में छात्रों की समस्याओं का विश्लेषण कर इसका समाधान करने के कौशल को परखा जायेगा. इसके माध्यम से छात्रों के लक्ष्यों, प्राथमिकताओं और भविष्य की शैक्षणिक योजनाओं के संबंध जानकारी जुटायी जायेगी.

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