गुलबर्ग हत्याकांड: जाकिया जाफरी ने कहा, मेरी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई
अहमदाबाद : गुलबर्ग हत्याकांड मामले मेंएसआईटी की विशेष अदालत नेसजा का ऐलान कर दिया है. कोर्ट ने मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा, 12 को 7 साल और एक दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. किसी भी दोषी को मामले में फांसी की सजा नहीं दी गई है. सजा का […]
अहमदाबाद : गुलबर्ग हत्याकांड मामले मेंएसआईटी की विशेष अदालत नेसजा का ऐलान कर दिया है. कोर्ट ने मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा, 12 को 7 साल और एक दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. किसी भी दोषी को मामले में फांसी की सजा नहीं दी गई है. सजा का ऐलान होने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन कम सजा दिए जाने को लेकर हम निराश हैं.
उन्होंने कहा कि हम बदला लेने वाला फैसला नहीं चाहते, बल्कि सुधार करने वाला फैसला चाहते हैं. मुआवजे को लेकर पता नहीं जज ने क्या कहा है. हम कम सजा के खिलाफ अपील करेंगे जिन दोषियों को उम्रकैद नहीं मिली, उनकी सजा के खिलाफ हम अपील करेंगे.
हत्याकांड में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने कहा है कि सजा के ऐलान से मैं संतुष्ट नहीं हूं, मैं खुश नहीं हूं. मुझे अपने वकीलों से दोबारा सलाह लेनी होगी, यह न्याय नहीं है. इतने लोगों के मरने के बाद, क्या अदालत यही फैसला कर सकी? केवल 12 दोषी? मुझे इसके खिलाफ लड़ना होगा. उन्होंने कहा कि मेरी जद्दोजहद खत्म नहीं हुई है. आगे की लड़ाई जारी रहेगी. इतने सारे लोग, सभी हिंसक थे. अदालत ने उन्हें कम सजा देने के लिए कैसे चुना?
जाकिया जाफरी ने कहा कि यह केस मेरे लिए आज खत्म नहीं हुआ है. हम अभी भी वही हैं, जहां से हमने शुरुआत की थी. उन्होंने दरिंगदी से एहसान जाफरी को मार डाला, यह है क्या उस अपराध की सजा? अदालत को सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा देनी चाहिए थी. वहीं दूसरी ओर एक दोषी की बहन ने कहा है कि हम इस फैसले के खिलाफ आगे का दरवाजा खटखटायेंगे. मेरा भाई निर्दोष हैं. हम सुप्रीम कोर्ट फैसले के खिलाफ जायेंगे.