गुलबर्ग नरसंहार को लेकर फिर राजनीति शुरू, भाजपा – कांग्रेस आमने-सामने

अहमदाबाद : गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में आज विशेष एसआईटी अदालत के फैसले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और दोनों ही दल एक-दूसरे पर इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ लेने का औजार बनाने का आरोप लगा रहे हैं. विशेष एसआईटी अदालत ने वर्ष 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2016 4:04 PM

अहमदाबाद : गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में आज विशेष एसआईटी अदालत के फैसले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और दोनों ही दल एक-दूसरे पर इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ लेने का औजार बनाने का आरोप लगा रहे हैं. विशेष एसआईटी अदालत ने वर्ष 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुई हिंसा में कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी सहित 69 लोगों को जिंदा जला डालने के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में 11 दोषियों को आज उम्र कैद की सजा सुनाई.

अदालत ने कम गंभीर अपराध के 13 दोषियों में से एक को 10 साल कैद की सजा और 12 अन्य को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है. इस फैसले पर गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि जो लोग ‘‘भाजपा नेताओं के हाथों की कठपुतली’ थे वह अब सलाखों के पीछे हैं जबकि असली दोषी सत्ता का आनंद ले रहे हैं.
उन्होंने कहा ‘‘जो लोग कुछ राजनीतिक नेताओं के हाथों की कठपुतली थे वह अब सलाखों के पीछे हैं जबकि उन्हें अपने राजनीतिक लाभ के लिए उकसाने वाले लोग सत्ता में हैं. हमेशाध्रुवीकरणमें भरोसा करने वाले ऐसे नेताओं की कठपुतली बनने वालों को अपना जीवन अब जेल में गुजारना होगा .’ मनीष दोषी ने आरोप लगाया ‘‘गुलबर्ग सोसायटी की पूरी घटना जघन्य और अमानवीय थी. लोगों की रक्षा करने के बजाय, भाजपा सरकार ने तब हिंसक भीड को खुली छूट दे दी थी. सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वाह करने में नाकाम रही थी. भाजपा के उन कुछ बडे नेताओं ने लोगों को उकसाया था जो हिंसा को सत्ता हासिल करने के हथियार के तौर पर देखते हैं.’
दूसरी ओर भाजपा की गुजरात इकाई के प्रवक्ता भरत पांड्या ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस नरसंहार मामले के पीछे कोई साजिश नहीं थी. उन्होंने कांग्रेस पर और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड पर राजनीतिक एवं निजी लाभ के लिए साजिश की परिकल्पना का उपयोग करने की कोशिश का आरोप भी लगाया. पांड्या ने कहा ‘‘हम अदालत के आज के फैसले का स्वागत करते हैं. पूर्व में अदालत ने यह मानने से इनकार कर दिया था कि इस अपराध के पीछे कोई षड्यंत्र है.
कांग्रेस और तीस्ता जैसे लोगों ने इसे षड्यंत्र साबित करने की पूरी कोशिश की ताकि इसका भाजपा के खिलाफ उपयोग किया जा सके. लेकिन अदालत ने उनके इरादों के खिलाफ फैसला दिया.’ उन्होंने कहा ‘‘हम आज के फैसले का स्वागत करते हैं. अदालत द्वारा फैसला बिना किसी से प्रभावित हुए दिया गया. यह स्वाभाविक है कि दोनों ओर के लोग (आरोपी और पीडित ) शायद इसे पसंद न करें. वह सभी लोग उच्च न्यायालय जा सकते हैं. मैं भी कांग्रेस से इस मुद्दे पर राजनीति बंद करने का आग्रह करता हूं.
‘ विशेष एसआईटी अदालत ने वर्ष 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुई हिंसा में कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी सहित 69 लोगों को जिंदा जला डालने के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में 11 दोषियों को आज उम्र कैद की सजा सुनाई. अदालत ने कम गंभीर अपराध के 13 दोषियों में से एक को 10 साल कैद की सजा और 12 अन्य को सात सात साल कैद की सजा सुनाई है.

Next Article

Exit mobile version